अब उपेक्षित नहीं रहेगा ब्राह्मण समाज, जानिए, क्या है सर्व ब्राह्मण महासभा की रणनीति ?

भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
सियासत में तेजी से पिछड़ रहा ब्राह्मण समाज अब एकजुट होकर खोई हुई शक्ति हासिल करने की कवायद में जुट चुका है। सर्व ब्राह्मण महासभा तीन सितंबर को जयपुर में ‘महासंगम’ की तैयारी में जुटा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा अब तक 18 जिलों का दौरा कर चुके हैं। वे बैठकों के जरिए ब्राह्मणों को टटोल रहे हैं, एकजुट होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जिला मुख्यालय स्थित दुर्गा मंदिर धर्मशाला सभागार में उन्होंने सर्व ब्राह्मण महासभा प्रतिनिधियों सहित समाज के वरिष्ठ जनों से मुलाकात की और एकजुटता का मंत्र दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा कहते हैं, ‘हर युग में ब्राह्मण निशाने पर ही रहा है। इसलिए क्योंकि वह खुद के लिए सदैव बेपरवाह रहा। पूजा-पाठ व सर्व समाज के हित में खुद की जिंदगी झोंक दी। अब जब पूरी तरह उपेक्षित हो गए तो संगठित होने की जरूरत महसूस होने लगी। अपना गौरवशाली इतिहास और सम्मान को पाने का अब एकमात्र यही तरीका है। अब ब्राह्मण उपेक्षित नहीं रहेगा।’ मिश्रा ने संगठन की स्थापना को लेकर रोचक कहानी सुनाई और अपने संघर्ष के किस्से भी साझा किए। पंडित सुरेश मिश्रा बोले, ‘देश में 272 जातियां हैं। इनमें से महज नौ जातियां ऐसी हैं जिन्हें आरक्षण की परिधि से बाहर रखा गया है। इनमें ब्राह्मण भी है। इसलिए क्योंकि यह एकजुट नहीं है। गरीबी, भूखमरी है। न राजनीति में हक मिलता न सरकारी नौकरियों में। हर जगह उपेक्षित। जहां भी है तो अपनी विद्वता के कारण निर्णायक भूमिका में है।’

पंडित सुरेश मिश्रा के मुताबिक, राजस्थान में कभी 60 एमएलए ब्राह्मण हुआ करते थे। आज संख्या घटकर 20 के करीब है। निकाय और पंचायतीराज में जनप्रतिनिधियों की संख्या ढूंढ़ने से नहीं मिलती। यह स्थिति तब है जब विधानसभा की करीब 100 सीटों पर ब्राह्मण समाज निर्णायक स्थिति रखता है। करीब 60 विधानसभा सीटों पर जीतने की स्थिति है। राजनीतिक दलों की उपेक्षा का एकमात्र कारण है ब्राह्मणों में एकजुटता का अभाव। हम समाज के लोगों को जगाने आए हैं। तीन सितंबर को जयपुर आने का निमंत्रण देने आए हैं। ब्राह्मण महासंगम में ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचें। इतिहास रचें ताकि समाज को खोई हुई प्रतिष्ठा हासिल हो सके।’

समाज के प्रबुद्ध लोगों ने ब्राह्मण महासंगम के पोस्टर का विमोचन किया। पूर्व उपसभापति कालूराम शर्मा, पूर्व पार्षद देवेंद्र पारीक, पार्षद महादेव भार्गव, पूर्व पार्षद महेश शर्मा, सावन पाईवाल, देवकीनन्दन चोटिया, हरिदेव जोशी, रघुवीर शर्मा, संगठन मंत्री हरिराम शर्मा, शयोपत कायल, जितेंद्र मोहन ऐरी, अशोक व्यास, विजयानंद शर्मा, चंद्रभान तिवाड़ी, निपेन शर्मा, दीपक शर्मा, मनीष कौशिक, मुकेश महर्षि, शांतिप्रकाश बिस्सा, नरेंद्र सारस्वत, पुष्पा सारस्वत, गायत्री शर्मा, निर्मला शर्मा, कविता तिवाड़ी, इंदु तिवाड़ी, एडवोकेट पूनम शर्मा, जगदीश सारस्वत सरपंच, पवन ओझा, लालचंद शर्मा संगरिया, महेंद्र सारस्वत, नरेश पुरोहित, सत्यप्रकाश शर्मा, कपिल शर्मा, अभिषेक भारद्वाज, भोजराज शर्मा, एडवोकेट सोमप्रकाश शर्मा आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पंडित गिरिराज शर्मा ने किया।
ये हैं महासंगम के एजेंडे


सर्व ब्राह्मण महासभा जिलाध्यक्ष दुर्गाप्रसाद शर्मा के मुताबिक, तीन सितंबर को जयपुर में होने वाले महासंगम के मुख्य तौर पर सात एजेंडे हैं। इनमें ब्राह्मणों को 14 प्रतिशत आर्थिक आरक्षण, भगवान परशुराम विश्वविद्यालय की स्थापना, भगवान परशुराम जी की 111 फीट प्रतिमा की स्थापना, प्रत्येक जिले में गुरूकुल की स्थापना, इडब्ल्यूएस आरक्षण में हो रही विसंगतियों को दूर करना, ब्राह्मण आरक्षण आंदोलन के समय लगाए गए मुकदमों को वापिस लेना, ब्राह्मण बालिकाओं के लिये छात्रावास की स्थापना की मांग प्रमुख है। 

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