




भटनेर पोस्ट सिटी डेस्क.
नेहरू मेमोरियल चिल्ड्रन स्कूल एलुमनी सोसायटी की ओर से विद्यालय की पूर्व प्रिंसिपल ‘बड़ी दीदी’ के संबोधन से विख्यात चंद्रकला बिश्नोई की जयंती को सेवा, समर्पण और श्रद्धा के रूप में मनाया गया। भावनाओं, प्रेरणा और सामाजिक सरोकार से ओतप्रोत कार्यक्रम में ‘बड़ी दीदी’ के शिक्षा क्षेत्र में योगदान को गहराई से याद किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ‘बड़ी दीदी’ के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दो मिनट के मौन से हुई। इसके बाद सोसायटी द्वारा जरूरतमंद विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री और स्कूल ड्रेस वितरित की गई, जिससे वे शिक्षा की ओर एक नया कदम बढ़ा सकें। यह कदम न केवल सहायतार्थ था, बल्कि विद्यार्थियों को प्रेरित करने का एक सशक्त माध्यम भी बना।
डॉ. निशांत बतरा बोले-मेरी सफलता की नींव बड़ी दीदी ने रखी
इस अवसर पर एलुमनी सोसायटी के सक्रिय सदस्य व जाने-माने सर्जन डॉ. निशांत बत्रा की उपस्थिति और उनके भावुक शब्दों ने सबकी आंखें नम कर दीं। उन्होंने कहा, ‘आज यदि मैं चिकित्सा जगत में एक सम्मानित स्थान पर हूं, तो उसका पूर्ण श्रेय बड़ी दीदी को जाता है। जब मैं अपने जीवन के संघर्षपूर्ण मोड़ पर था, तब उनके दिए हुए मार्गदर्शन और विश्वास ने मुझे संभाला। यदि उस समय उन्होंने मुझे प्रेरित न किया होता, तो शायद मैं इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता।’ डॉ. निशांत बतरा की बातों से स्पष्ट था कि चंद्रकला बिश्नोई न केवल एक शिक्षिका थीं, बल्कि अपने छात्रों के जीवन निर्माता भी थीं। एलुमनी सोसायटी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह ने कहा-‘बड़ी दीदी की मेहनत, अनुशासन और बच्चों के प्रति समर्पण ने चिल्ड्रन स्कूल को एक नई पहचान दी। आज इस स्कूल के विद्यार्थी समाज के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की मिसाल बन चुके हैं, और इसका श्रेय बड़ी दीदी के नेतृत्व को ही जाता है।’
समिति सचिव नवीन सराफ, वरिष्ठ सदस्य संदीप मित्रुका व पवन सरावगी ने कहा कि बड़ी दीदी के आदर्शों को जीवित रखने के लिए सोसायटी यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी होनहार छात्र केवल आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। हर बच्चे तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाना ही बड़ी दीदी को सच्ची श्रद्धांजलि है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया, जो बड़ी दीदी के पर्यावरण प्रेम और भावी पीढ़ियों के प्रति उनकी सोच को दर्शाता है।

कार्यक्रम का कुशल संचालन रामनिवास माण्डन ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में एलुमनी सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें ईश्वर सिंह, नवीन सराफ, संदीप मित्रुका, डॉ. निशांत बत्रा, पवन सरावगी, अंकुर चमड़िया, वरिष्ठ अधिवक्ता नितिन छाबड़ा, पंकज चांडक, राकेश गोयल, निरोष हिसारिया, साहिल फतहगढ़िया, हेमंत भारवानी, अनीता धारणिया प्रमुख रहे। गौरतलब है कि बड़ी दीदी की जयंती को प्रेरणा और सेवा का पर्व बना दिया गया। उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प ही था, जिसने इस आयोजन को एक सामाजिक संदेश में बदल दिया। डॉ. निशांत बतरा जैसे सफल विद्यार्थियों की भावनाएं इस बात का प्रमाण थीं कि एक समर्पित शिक्षिका का प्रभाव जीवनभर बना रहता है।



