






भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर हुई मूसलाधार बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी और उमस से कुछ राहत दी, वहीं शहर की जलनिकासी व्यवस्था की पोल भी खोल दी। करीब दो घंटे तक रुक-रुक कर मूसलधार बारिश होती रही, जिससे शहर की अधिकांश सड़कें पानी से लबालब हो उठीं। विशेष रूप से टाउन और जंक्शन क्षेत्र में हालात बदतर हो गए, जहां कई सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं।
शाम करीब 5 बजे शुरू हुई बारिश ने कुछ ही देर में तेज रफ्तार पकड़ ली। तापमान में गिरावट आई और लोगों को उमस भरे मौसम से राहत महसूस हुई, लेकिन जैसे-जैसे पानी जमा होता गया, राहत की जगह परेशानी ने ले ली। शहर के व्यस्ततम इलाकों जैसे कि टाउन ओवरब्रिज, श्रीगंगानगर रोड़, टिब्बी रोड और अन्य क्षेत्रों में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया। इससे सबसे ज्यादा दिक्कत दुपहिया वाहन चालकों को हुई, जिन्हें कई जगह पानी में फंसे वाहनों को धक्का लगाकर निकालना पड़ा। टाउन ओवरब्रिज के पास तो जलभराव के कारण लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। भारी वाहन फंसे रहे और छोटी गाड़ियां जाम के बीच रास्ता खोजती रहीं।
स्थानीय नागरिकों ने नगर परिषद और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर साल की तरह इस बार भी बारिश से पहले नालों की सफाई के दावे किए गए थे, लेकिन हकीकत यह है कि नालों की समय पर सफाई नहीं की गई और न ही जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था की गई। नतीजतन, कुछ ही घंटों की बारिश में शहर जलमग्न हो गया।
वहीं, दुकानदारों ने बताया कि पानी उनके दुकानों तक घुस गया, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। कुछ व्यापारियों ने स्थानीय पार्षदों और प्रशासन को फोन कर तत्काल मदद की गुहार भी लगाई। कई स्थानों पर राहगीरों को कीचड़ और गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा, जिससे स्वास्थ्य संबंधी आशंकाएं भी बढ़ गई हैं।
बारिश के बाद कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई। नगर परिषद की ओर से पानी निकासी की कवायद जारी है। लेकिन नागरिकों का सवाल बरकरार है कि हर साल की तरह इस बार भी मानसून की तैयारी केवल कागजों तक क्यों सीमित रही? स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि नगर परिषद जलभराव की स्थायी समस्या के समाधान के लिए ठोस योजना बनाए और मानसून पूर्व तैयारी को केवल औपचारिकता बनाकर न छोड़ा जाए।




