





भटनेर पोस्ट खेल डेस्क.
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की ओर से जंक्शन स्थित बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज में अंतर महाविद्यालय तीरंदाजी प्रतियोगिता का समापन समारोहपूर्वक हुआ। मुख्य अतिथि के तौर पर महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अरविन्द बिश्नोई थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के निदेशक तरूण विजय ने की। इस मौके पर चेयमेन आशीष विजय, वाइस चेयरमैन रौनक विजय, प्रशासक परमानंद सैनी, प्राचार्य डॉ. विशाल पारीक, उप प्राचार्य डॉ. मनोज शर्मा, बी.एड. कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संतोष चौधरी आदि मौजूद थे। विश्वविद्यालय की ओर से बजरंग तंवर को आब्जर्वर व रामनिवास चौधरी, भंवर लाल व्यास को खेल विशेषज्ञ नियुक्त किया गया था। कॉलेज के कोच अजय खान, राजेश कुमार और अमन कड़वा ने भी अपनी भूमिका निभाई।

महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अरविन्द बिश्नोई ने कहाकि खेलों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जीत से मनोबल बढ़ता है तो जिम्मेदारी का अहसास भी होता है। आगे और बेहतर करने की सीख मिलती है। वहीं हार के बाद अपनी कमियां सुधारने की सीख मिलती है। अभ्यास का क्रम बढ़ाने की जरूरत महसूस होती है। उन्होंने तीरंदाजी को पुरातन खेल बताते हुए युवाओं को इसमें भागीदारी निभाने का आग्रह किया।

बिश्नोई ने कहाकि बेबी हैप्पी कॉलेज का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां के विद्यार्थी न सिर्फ अध्ययन में आगे रहते हैं बल्कि खेल सहित अन्य सह शैक्षिक गतिविधियों में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं। इस बार भी कॉलेज के विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी स्तर पर गोल्ड मैडल हासिल किए, यह बड़ी बात है। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान के टॉप यूनिवर्सिटी में शामिल है। आने वाले समय में विश्वविद्यालय स्तर पर और भी कई निर्णय किए जाएँगे ताकि युवाओं को बेहतर प्लेटफॉम मिले।

बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज के डायरेक्टर तरूण विजय ने कहाकि यूनिवर्सिटी ने तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए बेबी हैप्पी कॉलेज को मेजबानी दी, यह हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने बेहतरीन प्रतियोगिता करवाने के लिए आब्जर्वर व निर्णायकों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि खेलकूद में भाग लेने से जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज के चेयरमैन आशीष विजय ने कहाकि तीरंदाजी प्रतियोगिता में शामिल होने वाले पहुंचे खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उप विजेताओं को विजेताओं से सीखने की जरूरत है ताकि अगली बार वे जीत का परचम लहरा सकें। जीत और हार एक सिक्के के दो पहलू हैं, इसलिए जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए। निराशा में ही आशा का भाव छिपा रहता है।

इन निशानेबाजों ने लहराया परचम
उप प्राचार्य डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता के रिकर्व श्रेणी में मयंक (सूरतगढ़ पीजी कॉलेज, सूरतगढ़), अनुज भाम्भू (एस.जी.एन. खालसा कॉलेज, श्रीगंगानगर), विकास मार (बेसीक पीजी कॉलेज, बीकानेर) कम्पाउंड श्रेणी में पवन गाट (बेसीक पीजी कॉलेज, बीकानेर), मनीष बिश्नोई (बेसीक पीजी कॉलेज, बीकानेर), अशोक लिम्बा (बेसीक पीजी कॉलेज, बीकानेर) इंडियन राउंड श्रेणी में नवीन कुमार (बी.आर. चौधरी कॉलेज,), मनप्रीत सिंह (बंसल कॉलेज ऑफ हायर एज्यूकेशन, गोलुवाला), प्रमोद धतरवाल (डी.ए.बी. कॉलेज, गोलुवाला) छात्रा वर्ग के रिकर्व श्रेणी में कल्पना रेगर (सूरतगढ़ पीजी कॉलेज, सूरतगढ़), रविना (महाराजा गंगा सिंह युनिवर्सिटी, बीकानेर), सिमरण तंवर (एम.एस कॉलेज, बीकानेर) कम्पाउंड श्रेणी में सुनिता स्वामी (श्री आर.एन. कॉलेज, सालासर) इंडियन राउंड श्रेणी में प्रतिक्षा (राजकीय कन्या कॉलेज, पीलीबंगा), भारती (डूंगर कॉलेज, बीकानेर) जूली प्रजापत (एन.एस.पी. कॉलेज, बीकानेर) ने श्रेष्ठ प्रदर्शन कर परचम लहराया।




