एसकेडी यूनिवर्सिटी का प्रथम दीक्षांत समारोह, शिक्षा के क्षेत्र में एसकेडी के नवाचारों पर क्या बोले डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ?

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भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
राजस्थान के डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहाकि गुणवत्ता व न्यायपूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना राष्टीय शिक्षा नीति का मकसद है। एसकेडी यूनिवर्सिटी इन उद्देश्यों को पूर्ण करने में सफल रही है। हनुमानगढ़ जिला कृषि प्रधान है और एसकेडी यूनिवर्सिटी कृषि के क्षेत्र में नवाचारों के माध्यम से सफलता का सोपान तय कर रही है। डिप्टी सीएम ने श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही। उन्होंने कहाकि प्राचीन भारत में शिक्षा का बेहतर स्तर रहा है। बिहार की नालंदा विश्वविद्यालय हो या तक्षशिला विश्वविद्यालय। दुनिया के लोग यहां पर पढ़ने आते थे। हमें एक बार फिर वही गौरवशाली इतिहास दोहराना है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार अपनी योजनाओं के माध्यम से प्रयासरत है। डॉ. बैरवा ने कहाकि भारत ने हमेशा ज्ञान की परंपरा से दुनिया को प्रभावित किया है। दीक्षांत समारोह में कला, वाणिज्य, विज्ञान, विधि, खेल शिक्षा, एम.फिल व इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी आदि से संबंधित करीब 162 से अधिक शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन वरुण यादव ने की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति मनोज दीक्षित, कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. अरुण कुमार, माटी कला बोर्ड के चेयरमैन प्रहलाद टाक, दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली, पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल, विधायक हनुमानगढ़ गणेशराज बंसल, विधायक संगरिया अभिमन्यु पूनिया, विधायक भादरा संजीव बेनीवाल, भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक, श्रीगंगानगर भाजपा जिलाध्यक्ष शरणपाल सिंह, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, पूर्व विधायक अभिषेक मटोरिया, द्रोपदी मेघवाल, धर्मेंद्र मोची, भाजपा नेता अमित चौधरी, पूर्व विधायक गुरदीप शाहपीनी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई, नगरपरिषद सभापति सुमित रणवां, पूर्व आईजी गिरीश चावला, पैरा ओलंपिक एसोसिएशन अध्यक्ष पदमविभुषण अवार्डी देवेंद्र झाझड़िया आदि मौजूद थे। इससे पूर्व श्री गुरु गोबिंद सिंह चेरिटेबल टस्ट के चेयरमैन बाबूलाल जूनेजा और भाजपा नेता देवेंद्र अग्रवाल ने डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. मनोज कुमार दीक्षित ने कहाकि भारत जिस पथ पर चला है, उसमें शिक्षा की गुणवत्ता जरूरी है। साल 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देना बेहद जरूरी है। साल 2030 तक उच्च शिक्षा में राज्य को बेहतर बनाना राज्य सरकार का लक्ष्य है, इसमें सबको मिलकर काम करने की जरूरत है।
कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. अरुण कुमार ने कहाकि अब समय आ गया है जब हमें देश को विकसित बनाने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देना चाहिए। दीक्षांत समारोह में जो विद्यार्थी विद्या वाचस्पति उपाधि हासिल कर पाए हैं, उनसे समाज और देश को बड़ी उम्मीदें हैं। आशा है, वे इन उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।


डिप्टी सीएम ने की एसकेडी की सराहना
डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने एसकेडी यूनिवर्सिटी की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने कहाकि एसकेडी यूनिवर्सिटी ने योग में विश्व रिकार्ड बनाया, यह अपने आपमें काबिलेतारीफ हैं फिजियोथैरेपी सहित अन्य कोर्सेज की शुरूआत की जा रही है, इससे जाहिर होता है कि प्रबंधन युवाओं के भविष्य को लेकर सजग है। उन्होंने कहाकि एसकेडी की थीम बेहद सराहनीय है। युवाओं को रोजगारोन्मुखी और व्यक्तित्व निर्माण में सहायक बनाना ही शिक्षण संस्थानों का उद्देश्य होता है। युवाओं में ज्ञान का संचार करने में एसकेडी पूरी तरह सफल है।


बैरवा ने किया मोदी का जिक्र
डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने अपने लिखित भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भी जिक्र किया। अंबेडकर का जिक्र करते हुए उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अंबेडकर के करुणा और शील जैसे मसलों पर अपनी बात रखी और कहाकि प्रधानमंत्री मोदी भी शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए कटिबद्ध हैं। केंद्र व राज्य सरकार की मंशा है कि आजादी के शताब्दी वर्ष तक देश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी देशों में जाना जाए। इसलिए कौशल शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है ताकि उच्च शिक्षा का मतलब सिर्फ डिग्री हासिल करना नहीं बल्कि रोजगारोन्मुखी शिक्षा हो। उन्होंने कहाकि दो दशक पहले राज्य में उच्च शिक्षा का स्तर काफी कम था लेकिन सरकार की इच्छा है कि आने वाले समय में उच्च व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान अग्रणी राज्यों में शामिल हो। यही वजह है कि आज 25 वित्त पोषित व 53 निजी विश्वविद्यालय हैं।
12 संकाय और 180 से अधिक पाठ्यक्रम
एसकेडी यूनिवर्सिर्टी के कुलपति रामअवतार मीणा ने कहाकि साल 2018 में आज के ही दिन यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी। इन वर्षों में यूनिवर्सिटी से करीब 18 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने शिक्षा हासिल की। यूनिवर्सिटी में अब तक 12 संकाय में 180 से अधिक पाठ्यक्रम लागू हैं। करीब 144 शोधार्थी अपना शोध पूर्ण कर चुके हैं और करीब 464 से अधिक शोध देश और दुनिया में प्रकाशित हो चुके हैं। यूनिवर्सिटी कृषि और खेल के अलावा अन्य क्षेत्रों में नवाचारों पर फोकस रही है। इससे पूर्व कैंपस में सरदार वल्लभ भाई पटेल भवन का उद्घाटन किया गया। अतिथियों ने उद्घाटन के बाद कैंपस का अवलोकन किया और व्यवस्थाओं को मुक्तकंठ से सराहा। इस मौके पर कलक्टर कानाराम व एसपी अरशद अली आदि भी मौजूद थे। खास बात है कि मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश जूनेजा सूत्रधार की भूमिका में नजर आए। वे परदे के पीछे समस्त व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए थे।

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