





भटनेर पोस्ट सिटी डेस्क.
हंसवाहिनी संगीत कला मंदिर ने हनुमानगढ़ में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें प्रकृति के महत्व को रेखांकित किया गया। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महावीर स्वामी थे, जिन्होंने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। हंसवाहिनी कला मंदिर के अध्यक्ष गुलशन अरोड़ा ने अपने उद्बोधन में बताया कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पर्यावरण असंतुलित हो रहा है, जिससे जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने इस संकट से निपटने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान, कला मंदिर के छात्र-छात्राओं और सदस्यों ने सामूहिक रूप से पौधे लगाए और पक्षियों के लिए परिंडे बांधकर जीव-जंतुओं की सुरक्षा का संदेश दिया। यह आयोजन केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि इसमें पर्यावरण संरक्षण की वास्तविक भावना समाहित थी।

संगीत और संस्कृति के संग पर्यावरण का संदेश
इस अवसर पर कला मंदिर के बच्चों ने संगीतमय प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। नायाब एंड ग्रुप ने ‘हमको है जगाना’ गीत प्रस्तुत कर पर्यावरण रक्षा की प्रेरणा दी। इंद्रपाल और रूप वर्मा ने ‘झूमेगी धरती, झूमेगा ये गगन’ गाकर हरियाली की महिमा गाई। अभिषेक ने ‘अमृत की बरसे बदरिया’ गीत से प्रकृति की सुगंध बिखेरी, वहीं काव्या सिंह ने गिटार पर ‘लुक छिप ना जाओ जी’ बजाकर सभी का मन मोह लिया। कबीर के दोहों को आरवी, प्रियंका और सीता भाटी ने अपनी आवाज़ में पिरोया, तो मृदुल ने पर्यावरण पर कविता सुनाकर सबका ध्यान आकर्षित किया। आर. के. शर्मा ने ‘गीत गाता चल’ प्रस्तुत कर जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने का संदेश दिया, जबकि विनोद यादव ने ‘हरी हरी वसुंधरा’ गाकर हरियाली को समर्पित अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं।
संगीत में बसी प्रकृति की गूंज
कार्यक्रम को और भी मनमोहक बनाने के लिए हारमोनियम पर जीवितेश, लविश, वेलसी ने सुरों का जादू बिखेरा, तबले पर लक्ष्य अरोड़ा, केहॉन पर हितैषी, मरकश पर रुद्र गोयल और मंजीरे पर कृष्णा ने संगत की। इन सुरों और तालों के मधुर संयोजन ने वातावरण को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य अतिथि का प्रेरणादायक संदेश
मुख्य अतिथि पूर्व एडीजे महावीर स्वामी ने संस्था की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी संस्था को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर सकारात्मक प्रयासों की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अभिभावक और बच्चे सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें इस संस्था का सान्निध्य प्राप्त हुआ है।
सम्मानित अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर जतिन स्वामी, कमलेश लखोटिया, जगदीश गुप्ता, नरेश मेहन, पोषण शर्मा, मोहनलाल वर्मा, प्रवीण वर्मा, रामनिवास मांडण, शौर्यवर्धन, मनमोहन जोशी, सन्नी जग्गा, सुमित अरोड़ा, रेखा अरोड़ा, ममता सक्सेना, पवन बजाज, रितेश सुखीजा, डिंपल जिंदल, शिवा गोयल, प्रकाश शर्मा, संदीप गुप्ता सहित अनेक गणमान्य अतिथि और बच्चों के अभिभावक उपस्थित रहे।
संस्थान का आभार प्रदर्शन
कार्यक्रम के अंत में ममता अरोड़ा ने सभी आगंतुकों और सहभागियों का आभार व्यक्त किया और इस प्रकार एक सफल व प्रेरणादायक आयोजन संपन्न हुआ। हंसवाहिनी संगीत कला मंदिर का यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का माध्यम बना, बल्कि संगीत, कला और संस्कृति के संगम से समाज में सकारात्मक संदेश भी दिया।


