डॉ. शेखावत बोले-किताबें सिर्फ ज्ञान नहीं, संवेदना का संचार करती हैं

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
राजकीय मेडिकल कॉलेज हनुमानगढ़ में ‘न्यू मेडिकल बुक्स लाइब्रेरी’ का भव्य उद्घाटन हुआ। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. ज्ञान सिंह शेखावत और उनके साथियों ने विद्यार्थियों के लिए लगभग 700 उपयोगी मेडिकल पुस्तकें पुस्तकालय को भेंट कीं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पारस जैन थे, जिन्होंने उद्घाटन करते हुए कहा, ‘एक उत्कृष्ट मेडिकल कॉलेज की पहचान केवल उसकी बिल्डिंग या आधुनिक मशीनों से नहीं होती, बल्कि वहां मौजूद पुस्तकालय, उसके संकलन और विद्यार्थियों की अध्ययनशीलता से होती है। जब छात्र अपने खाली समय में मोबाइल या सोशल मीडिया की बजाय पुस्तकालय में बैठकर केस स्टडीज, क्लीनिकल गाइड्स, रिसर्च जर्नल्स और लेटेस्ट मेडिकल अपडेट्स पढ़ते हैं, तभी उनमें एक परिपक्व डॉक्टर बनने की नींव पड़ती है।’
कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्य डॉ. कीर्ति शेखावत ने की। उन्होंने कहा कि यह पहल कॉलेज के लिए न सिर्फ शैक्षणिक संसाधनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छात्रों और शिक्षकों के बीच एक साझा संवाद और सहयोग की मिसाल भी बनती है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें डॉक्टर के नैतिक प्रशिक्षण और पेशेवर दक्षता को गहराई देती हैं।
इस मौके पर डॉ. ज्ञान सिंह शेखावत ने भावुक होते हुए कहा-‘मैंने अपने जीवन के इन वर्षों में जो पढ़ा, समझा और जिया, उसका एक अंश इस पुस्तकालय के रूप में मेडिकल विद्यार्थियों को समर्पित कर रहा हूं। किताबें सिर्फ ज्ञान का स्रोत नहीं होतीं, ये हमारी दृष्टि, संवेदना और निर्णय क्षमता को भी आकार देती हैं। एक डॉक्टर का काम सिर्फ इलाज करना नहीं होता, बल्कि वह समाज के प्रति उत्तरदायी एक संवेदनशील मानव भी होता है, और यह संवेदना पुस्तकालयों में पलती है।’
डॉ. ज्ञान सिंह शेखावत ने कहा, ‘आज के मेडिकल छात्र जिस तेज़ी से डिजिटल संसाधनों पर निर्भर हो रहे हैं, ऐसे में पुस्तकालयों का अस्तित्व और भी ज़रूरी हो गया है। जब हम किताबों को छूते हैं, पढ़ते हैं, उनके पन्नों से संवाद करते हैं, तो वह ज्ञान स्थायी होता है।’ डॉ. शेखावत ने इस अवसर पर पुस्तकें दान देने वाले साथियों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनमें डॉ. रमाशंकर आसोपा, डॉ. मदन सिंह शेखावत, डॉ. रवि त्रेहण, डॉ. भागीरथ कासनियां, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. एम.पी. शर्मा, डॉ. बी.के. शर्मा, डॉ. सुरेश हिसारिया, डॉ. दीपक और डॉ. भजनलाल आदि प्रमुख हैं। उन्होंने इसे एक सामूहिक प्रयास बताते हुए कहा कि यदि हर वरिष्ठ डॉक्टर अपने अनुभव की किताबें नए छात्रों तक पहुंचाएं, तो देश की चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता कई गुना बेहतर हो सकती है।
कार्यक्रम के सूत्रधार स्वयं डॉ. ज्ञान सिंह शेखावत थे, जिन्होंने न केवल इस संकल्पना को मूर्त रूप दिया, बल्कि अपने व्यक्तिगत प्रयास से इस पुस्तकालय को साकार किया। कार्यक्रम का संचालन सुविख्यात फिजियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. राजीव मुंजाल ने अत्यंत गरिमापूर्ण शैली में किया। प्राचार्य डॉ. कीर्ति शेखावत ने सभी अतिथियों और दानदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पुस्तकालय आने वाले वर्षों में मेडिकल कॉलेज हनुमानगढ़ की बौद्धिक रीढ़ बनेगा और छात्रों को एक बेहतर डॉक्टर ही नहीं, बल्कि एक बेहतर मानव भी बनाएगा।
न्यू मेडिकल बुक्स लाइब्रेरी यानी एक निवेश
डॉक्टरों ने कहाकि यह पुस्तकालय केवल किताबों का संकलन नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य में एक निवेश है। यहां मेडिकल की प्रामाणिक पाठ्यपुस्तकों से लेकर नवीनतम शोधपत्र, केस स्टडी गाइड्स, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, मेडिसिन, सर्जरी, फार्माकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, स्त्री एवं प्रसूति रोग, मनोरोग, आयुर्विज्ञान एवं कानूनी चिकित्सा सहित सभी विषयों की सैंकड़ों किताबें सुलभ हैं। डॉ. पारस जैन ने सुझाव दिया कि आगे चलकर इस पुस्तकालय को डिजिटल संसाधनों, ई-बुक्स और मेडिकल जर्नल्स की सदस्यताओं से भी समृद्ध किया जाए, जिससे यह पुस्तकालय राष्ट्रीय स्तर की मिसाल बन सके।

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