भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
हनुमानगढ़ में भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक के कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया। देवेंद्र पारीक कुशल संगठक माने जाते हैं। उनके पास संगठन चलाने का पुराना अनुभव है। दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के तौर पर नेतृत्व क्षमता का परिचय दे चुके हैं। ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ के साथ बातचीत में भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक ने विभिन्न मसलों पर खुलकर बातचीत की। प्रस्तुत है संपादित अंश……
कार्यकाल का एक साल पूरा। कैसा रहा अनुभव ?
-अच्छा अनुभव कर रहा हूं। जिम्मेदारी मिलने का अपना महत्व है। बहुत सी बातें सीखने का मौका मिला। निर्णय लेने, धैर्य धारण व सहन करने की क्षमता का विकास हुआ है। विकट परिस्थतियों से जूझना और उसे बाहर निकलकर आगे बढ़ना राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए बेहद जरूरी है, इस बात का बखूबी अहसास हो रहा है।
दो चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा। क्या कहना है ?
-हां, यह सही है कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। मन में इसका मलाल है और रहेगा भी। सबको साथ लेकर चले, सबको संतुष्ट करने का प्रयास किया लेकिन फिर भी जीत नहीं मिली। कई कारण थे। अब उस पर चर्चा बेमानी है क्योंकि पार्टी कमियों को दूर करने में भरोसा करती है। जीत-हार एक सिक्के के दो पहलू हैं। कमियों को दूर कर आगे जीत का परचम लहराने की तैयारी में जुटे हैं। हां, इतना जरूर है कि जिले में सिर्फ भादरा सीट जीत पाए। नोहर और हनुमानगढ़ में जीत-हार का आंकड़ा कम रहा लेकिन पीलीबंगा और संगरिया में बडा अंतर हम सबको हैरान कर गया। खैर, हम आगे की रणनीति बना रहे, कामयाबी मिलेगी।
कहा जा रहा है बीजेपी की हार में आंतरिक कलह और भितरघात भी बड़ा कारण रहा। आप क्या कहते हैं ?
-मैं इस मसले पर ज्यादा नहीं कह सकूंगा। बस इतना कहूंगा कि भाजपा का परिवार बहुत बड़ा है। आपस में मतभेद हो सकते हैं, मतभिन्नता गलत नही है लेकिन पार्टी के भीतर मनभेद जैसी स्थिति नहीं है। नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दोनों चुनावों में अपना सौ प्रतिशत योगदान दिया लेकिन आम जन में पार्टी को लेकर पहले जैसा उत्साह नजर नहीं आया तो यह हमारे लिए चिंतन का विषय है और हम उसे दूर करने में जुटे हुए हैं, इसमें कामयाबी भी मिल रही है। इसलिए, मैं आंतरिक कलह और भितरघात जैसी बातों से इनकार करता हूं।
बीजेपी में एक तबका आपका विरोध कर रहा है। तालमेल बिठाना कितना मुश्किल है ?
-सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस तरह की बातें करते हैं। मेरी जानकारी में ऐसी बातें आई हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट कर दूं कि जिले में किसी नेता ने कभी ऐसी कोई बातें नहीं की जिससे यह लगे कि कोई मेरा विरोध कर रहा है। बड़े नेता कभी संस्कारविहीन बातें नहीं करते। फिर मैं तो अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनता हूं और उसी के अनुरूप कार्य करता हूं। पार्टी हित को सर्वोपरि मानता रहा हूं, भले कोई मेरी कितनी आलोचना करे लेकिन पार्टी हित में कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाता जिससे संगठन की साख प्रभावित हो। सबके साथ मिलकर संगठन चला रहा हूं, जिले के सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ नेताओं व हजारों कार्यकर्ताओं का विश्वास व सहयोग मेरे साथ है।
निकाय और पंचायतीराज चुनाव निकट है। एकजुटता के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं?
-निकाय और पंचायतीराज चुनाव को लेकर अभी स्पेशल कार्यक्रम नहीं आया है। हां, इतना कह सकता हूं कि पार्टी इसके लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी एकजुट है, कमियां दूर कर ली गई हैं और इतना विश्वास दिला सकता हूं कि आने वाले दोनों चुनावों में भाजपा परचम लहराएगी।
संगठन की मजबूती को लेकर क्या खास कर रहे हैं ?
-हमारे लोकप्रिय और यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान दिया है। इसको लेकर रोजाना कार्यक्रम हो रहे हैं। हम कार्यकर्ताओं से अपील करते हैं कि वे आंकड़ों में न उलझें बल्कि मन से एक पौधा लगाएं और उसे वृक्ष बनाने में अपना योगदान दें। इसी से प्रधानमंत्री जी का सपना साकार होगा। प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। संगठन की अन्य गतिविधियों की बात करें तो अभी मंडल स्तर के अध्यक्ष और महामंत्री को मीटिंग में बुलाया गया। अब 24 जुलाई को जिला कार्यसमिति की बैठक है। हमारा प्रयास है कि सभी कार्यकर्ता मिलकर केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर लेकर आएं ताकि आम जन को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।