भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं, वे नव पीढ़ी में चरित्र-निर्माण की मजबूत नींव डाल कर सक्षम नागरिक रूपी भवन का निर्माण कर रहे हैं। उनकी शिक्षा-ज्ञान से ही मनुष्य विचारशील और करुणा व सहानुभूति के भाव से समृद्ध होता है और एक प्रगतिशील व समावेशी समाज बनाता है। शर्मा गुरूवार को बिड़ला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय परंपरा में गुरु का स्थान सर्वाेपरि रहा है। शिक्षक प्रतिबद्धता और परिश्रम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं और समर्पण एवं निष्ठा से विद्यार्थियों के जीवन को समृद्ध बनाते हैं। इसलिए विद्यालय केवल अच्छे भवन, महंगे उपकरण या सुविधाओं से नहीं बल्कि शिक्षकों के अमूल्य ज्ञान से बनता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिवस उनके असाधारण व्यक्तित्व एवं शिक्षा में उनके अमूल्य योगदान के प्रति सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि गुरु-शिष्य संबंध की समृद्ध परंपरा को पुनर्जीवित करने के क्रम में राज्य सरकार विश्वविद्यालय के कुलपतियों को कुलगुरु की पदवी से नवाजे जाने की परंपरा शुरू करने जा रही है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा प्रतिभाशाली हैं। उनमें प्रदेश के शिक्षा के ढांचे को और उन्नत करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के योगदान से प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में शीघ्र ही सिरमौर बनेगा। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जहां भी आवश्यकता होगी वहां विद्यालयों का क्रमोन्नयन होगा और नए विषय भी प्रारंभ होंगे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि प्रदेशभर में शिक्षकों द्वारा बेहतरीन काम किया जा रहा है। इस शैक्षिक वर्ष में विद्यार्थियों के अच्छे परीक्षा परिणाम भी आए हैं। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत प्रदेशभर में 7 करोड़ वृक्षारोपण के लक्ष्य के क्रम में शिक्षा विभाग ने अकेले ही 2 करोड़ 50 लाख का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। उन्होंने कहा कि गत 5 जुलाई को राज्यभर में 3 करोड़ 58 लाख पुस्तकें विद्यार्थियों को दी जा चुकी हैं। समारोह में मुख्यमंत्री ने 11 मेधावी विद्यार्थियों को निःशुल्क टैबलेट वितरित किए और शिक्षक सम्मान पुस्तिका एवं शिविरा का विमोचन भी किया। साथ ही, प्रदेशभर में 55 हजार 800 विद्याार्थियों को टैबलेट वितरित किए गए। इस अवसर पर शिक्षा विभाग द्वारा शाला स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा, सांसद श्रीमती मंजू शर्मा, सिविल लाइन्स विधायक गोपाल शर्मा, जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर, शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा आशीष मोदी सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में कार्यरत शिक्षक भी समारोह से जुड़े।
समारोह में मुख्यमंत्री शर्मा अपने शिक्षक शंकरलाल शर्मा को देखकर भावुक हो गए। वे मंच से उतरे, गुरु के चरण स्पर्श किए, उन्हें अपने निकट बैठाया एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनन्दन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक अपने शिष्यों की सफलता के लिए अथक परिश्रम करते हैं। वे एक कुम्हार की तरह होते हैं जो मिट्टी को अपने अनुभव से गूंथता है और एक सुंदर प्रतिमा बनाता है। उनके समर्पण का कोई मोल नहीं है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने बाल्यकाल में शिक्षा प्राप्त करने के अनुभव भी मंच से साझा किए।
बिजनेस इनोवेशन प्रोग्राम में 1 लाख विद्यार्थी लाभान्वित
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार गांव से लेकर शहर तक शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं-कार्यक्रमों पर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने राजकीय विद्यालयों में कक्षा-कक्ष, लैब, पुस्तकालय, शौचालयों के निर्माण के लिए 350 करोड़ रुपये और 750 स्कूलों की बिल्डिंग की मरम्मत के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही, हम स्कूल और कॉलेज में बिजनेस इनोवेशन प्रोग्राम के माध्यम से 1 लाख विद्यार्थियों को लाभान्वित कर रहे हैं। आगामी दो वर्षों में राज्य सरकार 20 आईटीआई और 10 पॉलिटेक्निक कॉलेज भी खोलेगी।
80 लाख विद्यार्थियों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में परंपरागत शिक्षण पद्धतियों के साथ-साथ नवाचारों के लिये भी राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में स्कूलों, कॉलेजों में स्टेट स्किल पॉलिसी, अटल एन्टरप्रन्योरशिप प्रोग्राम, अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलरेटर, लर्न, अर्न एण्ड प्रोग्रेस (लीप) प्रोग्राम, डिजिटल प्रवेशोत्सव इत्यादि के माध्यम से लाखों विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 70 हजार विद्यालयों के 80 लाख विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण सर्वे भी करवाया गया है। इसमें चिन्हित विद्यार्थियों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के अंतर्गत उपचार की सुविधा मिल सकेगी।