‘मौत का तांडव’ और हमारी खामोशी!

गोपाल झा.कश्मीर को अक्सर ‘जन्नत’ कहा जाता है। बर्फ से ढकी वादियाँ, झीलों में तैरती शिकारे, देवदारों की छाँव में बहती ठंडी हवाएँ। लेकिन जिस […]

‘नेतृत्व के चंगुल’ से मुक्ति की तैयारी में कांग्रेस!

गोपाल झा.राजस्थान कांग्रेस इन दिनों एक दिलचस्प राजनीतिक प्रयोग के दौर से गुजर रही है। हाल ही में दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन […]

कांग्रेस में निष्क्रिय नेताओं पर ‘डिजिटल बम’

गोपाल झा.राजनीति के डिजिटल युग में अब संगठनात्मक सक्रियता भी तकनीक से तय होगी। हाल ही में संपन्न कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद पार्टी […]

इन तीन प्रयासों से सफल होगा ‘राइजिंग राजस्थान’

गोपाल झा.किसी भी लोककल्याणकारी सरकार के लिए जरूरी है कि वह दूरदर्शी सोच के साथ कार्य करे। करीब 10 माह पुरानी भजनलाल सरकार वर्तमान से […]