भटनेर पोस्ट ब्यूरो. हनुमानगढ़.
जिला मुख्यालय और आसपास के दर्जनों गांवों में बेचैनी का आलम है। घग्घर में ज्यादा पानी आने की संभावना मात्र से लोगों की धड़कनें तेज होने लगी हैं। प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की खामोशी लोगों को डराने के लिए आग में घी का काम कर रही। अलबत्ता, मंगलवार को कलक्टर रुक्मणि रियार ने थोड़ी सी गंभीरता दिखाई। न सिर्फ आपदा राहत से जुड़े अधिकारियों की मीटिंग ली बल्कि खुद ऑफिस से बाहर निकलीं और घग्घर बहाव क्षेत्र के बंधों का निरीक्षण किया। जब उन्होंने कमजोर बंधों को देखा तो फौरन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। अनुमान लगाया जा रहा है कि घग्घर नदी में 35,000 क्यूसेक से अधिक पानी आ सकता है। देखा जाए तो यही चिंता का सबब है क्योंकि बंधे कमजोर हैं और इनकी क्षमता नहीं कि इतनी मात्रा में आए पानी के प्रेशर को झेल सकें। कलक्टर ने इसको देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से घग्घर नदी के किनारों तथा बंधो को मजबूत करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कलक्टर रुक्मणि रियार ने घग्घर नदी में बहकर आ रही केली को हटाने के निर्देश दिए, इसके लिए जल्द से जल्द तीन मशीनें, और जेसीबी लगाए, जरूरत पड़ने पर स्थानीय किसानों का सहयोग लेते हुए उन्हें डीजल उपलब्ध करवाए। उन्होंने मौके पर ही मेडिकल विभाग को निर्देश दिए कि वह किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहे तथा अपनी टीम को अलर्ट मोड पर रखें। टिब्बी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे प्रभावित संभावित बंधो और स्थलों का निरीक्षण कर उन्हें नोटीफाइड करें। कलक्टर ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों सहित सभी जिला अधिकारियों के साथ मौका निरीक्षण किया और कलक्ट्रेट सभागार में आपदा समिति कि आपात बैठक ली। कलक्टर ने कहा कि नदी के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण को तुरंत हटाकर, किनारों की दूसरी लाइन बंधी करवाए, अतिसंवेदनशील किनारों पर मिट्टी के कट्टे भर कर रिजर्व रखें। एसडीआरएफ बीकानेर की टीम को बुलाया गया है। एसपी सुधीर चौधरी ने कहा कि पुलिस व प्रशासन मिलकर जगहों का निरीक्षण करें तथा प्रभावित जगहों को आइडेंटिफाई करके संयुक्त रूप से एक्सरसाइज करें।
इन क्षेत्रों में कड़ी नजर रखने के निर्देश
कलक्टर रूक्मणि रियार ने कहाकि अगर संवेदनशील क्षेत्रों को खाली करना पड़ा तो उनके रुकने कि वैकल्पिक व्यवस्था देखी जाए। इसके लिए शीघ्र निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि बाढ़ की स्थिति में में संभावित कितने लोग प्रभावित हो सकते हैं, इसका आकलन सुनिश्चित करें। नगरपालिका को निर्देश दिए कि वह घग्घर नदी के किनारों के आसपास बसे हुए गांव तथा आबादी में प्रचार-प्रसार के माध्यम से संदेश पहुंचाए की आने वाले दिन में पानी की आवक बढ़ेगी, इसलिए सुरक्षात्मक दृष्टि से वह निचले स्थानों को खाली कर, ऊंचे स्थानों या सुरक्षित स्थानों पर जाएं तथा पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर लेकर जाए, कीमती सामानों को बांध कर रखें। गौरतलब है कि पीरकामड़िया, शेरेकां, कमरानी, फतेहपुर, अमरपुरा, भद्रकाली, अमरपुरा, दालिया, बुड़सिंहवाला, गाहडू, ज्वालासिंहवाला, सतीपुरा, हनुमानगढ़ जंक्शन, श्रीनगर, खुंजा, गंगागढ़, करनीसर, सहजीपुरा, चक जहाना, बहलोलनगर, मसरूवाला, आबादी चक 23 एस.टी.जी., आबादी चक 25-26 एस.टी.जी. आदि को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के तौर पर चिन्हित किया गया है।
ये है पानी की मात्रा
घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी की आवक को देखते हुए सिंचाई विभाग सजग है। मंगलवार को गुल्लाचिक्का में 61730 क्यूसेक, खनौरी में 13400 क्यूसेक, चांदपुर में 9600 क्यूसेक, ओटू में 700 क्यूसेक, साइफन में 4250 क्यूसेक, नाली बैड में 3000 क्यूसेक पानी की आपूर्ति हो रही थी।