सोशल मीडिया का बढ़ता उपयोग खतरनाक साबित होने लगा है। इससे लोग मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार होने लगे हैं। यही वजह है कि विदेशों में भी अब इससे छुटकारा पाने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। प्रस्तुत आलेख में सोशल मीडिया की लत से छुटकारा पाने का उपाय बता रहे हैं शिक्षाविद् सर्वजीत अरोड़ा
सर्वजीत अरोड़ा.
अगर आप एकाग्रता की कमी, अनिद्रा या आपसी सम्बन्धों में तनाव जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं तो “डिजिटल-डिटॉक्स” आपके लिए कारगर उपाय हो सकता है। आज की युवा पीढ़ी अपनी कार्यकुशलता में अभिवृद्धि एवं व्यक्तिगत संबंधों में प्रगाढ़ता लाने के लिए “डिजिटल-डिटॉक्स” का बहुतायत में प्रयोग करने लगी है।
क्या होता है “डिजिटल-डिटॉक्स” ?
“डिजिटल-डिटॉक्स’ का अर्थ है निश्चित समय के लिए डिजिटल उपकरणों जैसे-स्मार्टफोन, कम्प्युटर, टेलीविजन, सोशल मीडिया आदि मा इस्तेमाल न करना।
‘डिजिटल-डिटॉक्स’ का मकसद
निश्चित समय के लिए डिजिटल उपकरणों व सोशल मीडिया से दूरी बनाने का मकसद मानसिक व शारीरिक अवसादों से बचना और वास्तविक दुनिया से जुड़ना होता है। डिजिटल-डिटॉक्स के प्रयोग से पारिवारिक व सामाजिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलती है। सोशल मीडिया से दूरी बनाकर आप अपने वास्तविक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
कैसे करेंगे शुरुआत ?
अपने स्मार्टफोन के डिजिटल वेल विंग फीचर का उपयोग कर अपना स्क्रीन टाइम जानिए और उसे कम करने का प्रयास कीजिए।
स्मार्टफोन में मौजूद अनावश्यक एप्स को अन इन्स्टाल करके भी स्क्रीन टाइम कम किया जा सकता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि का उपयोग निश्चित समयावधि के लिए ही करें।
स्मार्टफोन पर आने वाले अनावश्यक नॉटिफिकेशन्स को म्यूट या साइलेंट करके भी स्क्रीन टाइम कम किया जा सकता है।
पारिवारिक सदस्यों के साथ अधिकाधिक समय व्यतीत कीजिए।
जल्द मिलेंगे परिणाम
रोजाना कुछ समय के लिए डिजिटल-डिटॉक्स की शुरुआत करने से ही आपको बेहतर नतीजे मिलने शुरू हो जाएंगे। इससे आप जहां बेहतर समय प्रबंधन कर पाएंगे वहीं, आप एकाग्रचित्त होकर अपने दैनिक कार्यों का समुचित संपादन कर पाएंगे।
-लेखक जाने-माने शिक्षाविद् हैं