डॉ. संतोष राजपुरोहित.
जयपुर में 9 से 11 दिसंबर 2024 के बीच आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ राज्य के आर्थिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इसका उद्देश्य राजस्थान को एक निवेश-अनुकूल राज्य के रूप में स्थापित करना और उद्योग, पर्यटन, ऊर्जा, और शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना हैं। समिट से जुड़ी विस्तृत जानकारी इस प्रकार है।
निवेश समझौते और क्षेत्रीय विकास: समिट के दौरान 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौते हुए। ये मुख्य रूप से शहरी बुनियादी ढांचे, आईटी, पर्यटन, और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में हैं। शहरी विकास प्राधिकरण (जैसे जयपुर, जोधपुर, उदयपुर) को बड़े निवेश लक्ष्य दिए गए, जिसमें जयपुर को 30,000 करोड़ और अन्य को 15,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य शामिल है।
प्री-इन्वेस्टमेंट समिट: समिट से पहले, निवेशकों को आकर्षित करने के लिए देश-विदेश में रोड शो और प्री-समिट आयोजित किए गए। इन प्रयासों से निवेशकों को राजस्थान में निवेश की संभावनाओं और सुविधाओं की जानकारी दी गई।
अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन: इस आयोजन के माध्यम से न केवल राज्य में निवेश बढ़ाने का प्रयास किया गया, बल्कि रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर भी ध्यान दिया गया। निजी क्षेत्र की भागीदारी से आर्थिक विकास को गति मिलेगी और राज्य की औद्योगिक स्थिति मजबूत होगी
सरकार की पहल: राज्य सरकार ने निवेशकों की सहायता के लिए ‘सिंगल-प्वाइंट निवेशक इंटरफेस’ लॉन्च किया, ताकि निवेश प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया और अधिकारियों को समिट की सफलता के लिए मिलकर काम करने के निर्देश दिए।
वैश्विक ब्रांडिंग: ‘राइजिंग राजस्थान’ का लोगो लॉन्च किया गया ताकि इसे वैश्विक मंचों पर अलग पहचान मिले। इसके माध्यम से राजस्थान को निवेश के लिए एक ब्रांड के रूप में प्रस्तुत किया गया।
लक्ष्य और रणनीति: नगरीय विकास विभाग को 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य दिया गया, जिसमें शहरी क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास पर जोर दिया गया। इस समिट ने राजस्थान को देश और दुनिया के निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे राज्य की विकास योजनाओं को ठोस आधार मिला।
निवेश की सफलता के लिए, सरकार को टाइमलाइन बेस्ड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग और विभिन्न क्षेत्रों के लिए समर्पित नीतियों की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विस्तार और स्थानीय कार्यबल के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर दिया जाना चाहिए। हालांकि, यह समिट एक बड़ा कदम हैं, लेकिन इसकी दीर्घकालिक सफलता निवेशों की समयबद्धता और व्यापक प्रभाव पर निर्भर करेगी।
-लेखक राजस्थान आर्थिक परिषद के पूर्व अध्यक्ष हैं