भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ‘नि-क्षय मित्र बनाएं-टीबी हराएं‘ अभियान शुरू किया गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में पोस्टर का विमोचन कर अभियान की शुरूआत की। यह अभियान 9 सितम्बर से 2 अक्टूबर, 2024 तक संचालित किया जाएगा। राठौड़ ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में विभाग निरंतर जरूरी कदम उठा रहा है। इन प्रयासों से राजस्थान टीबी मुक्त होने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने प्रदेश में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अर्जित उपलब्धियों की सराहना करते हुए इस कार्यक्रम से जुड़ी गतिविधियों को और व्यापक रूप देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ब्लॉकवार नि-क्षय मित्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर नियमित समीक्षा की जाए। अधिकाधिक जनभागीदारी सुनिश्चित कर टीबी के प्रति जागरूकता फैलाएं और इस अभियान को सफल बनाएं। उल्लेखनीय है कि 09 सितम्बर, 2022 को ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान‘ का शुभारम्भ किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य टीबी रोगियों को सामुदायिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु सामाजिक भागीदारी बढ़ाना है। जनसमुदाय को प्रेरित कर टीबी रोगियों और उनके परिवारों को अधिक पोषण और व्यावसायिक सहायता उपलब्ध कराना और टीबी उन्मूलन अभियान में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करना है। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि अभियान के तहत टीबी उन्मूलन हेतु जन समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से 10 सितम्बर को ग्राम पंचायतों में सरपंचगण की अध्यक्षता में सामुदायिक बैठक आयोजित की की जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के समस्त सरपंचगण को टीबी रोग के उन्मूलन हेतु आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराने, नि-क्षय मित्रों के चयन एवं टीबी रोगियों को सामुदिक सहायता उपलब्ध कराने में सक्रिय योगदान हेतु पत्र भी लिखा है। राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. पुरूषोत्तम सोनी ने बताया कि 09 सितम्बर, 2024 से 02 अक्टूबर तक प्रदेश में ‘निक्षय मित्र बनाएं, टीबी हराएं‘ अभियान के अन्तर्गत नि-क्षय मित्र बनाए जाने हेतु प्रेरित किया जायेगा। ग्राम पंचायत टीबी फोरम की बैठक एवं सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियाजन आयोजित किया जाएगा। टीबी रोग के संभावित लक्षणों वाले रोगियों की जांच की जाएगी एवं प्रचार-प्रसार गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक जयपुर जोन, डॉ. नरोत्तम शर्मा भी उपस्थित थे।