भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क. हनुमानगढ़. श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय ने शिक्षा जगत में एक और कदम बढ़ाया है। विश्वविद्यालय में एम.एबीएम (मास्टर ऑफ एग्री बिजनेस मैनेजमेन्ट) कोर्स शुरू हुआ। स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति डॉ. अरुण कुमार, अनुसंधान प्रमुख डॉ. पी. एस. शेखावत, कृषि संकाय अधिष्ठाता डॉ. आई. पी. सिंह ने एम.एबीएम पाठ्यक्रम का विमोचन करके कोर्स की शुरुआत की। गुरु गोबिन्द सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा ने कुलपति डॉ. अरुण कुमार का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि यह कोर्स आज की जरूरत के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण है। विद्यार्थी कृषि व्यापार व्यवसाय एवं व्यापार से संबंधित विषयों का अध्ययन करेंगे तथा इस क्षेत्र में उपलब्ध जॉब्स के लिए तैयार होंगे। इस कोर्स में कृषि उत्पादों, पशुधन और फसलों का विपणन और प्रबंधन भी शामिल हैं, यह एक ट्रेडिंग कोर्स हैं जिससे विद्यार्थियों को खाद्य और कृषि उद्योगों में प्रबन्धकीय और कार्यकारी भूमिका निभाने में प्रशिक्षित करने के लिए तैयार किया गया हैं। इस कोर्स के द्वारा नौकरी के अवसर भी शत-प्रतिशत होने की भी बात कही।
डॉ. पी. एस. शेखावत ने बताया कि इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी आत्मनिर्भर बन सकेंगे व लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने में सक्षम होंगे। यदि इस कोर्स को आप पूरी लगन व साइंटिफिक तरीके से करते हैं तो खूब धन कमा सकते हैं।
अनुसंधान प्रमुख डॉ. पी. एस. शेखावत द्वारा श्री खुशाल दास विष्वविद्यालय के साथ एमओयू किया गया जिससे विश्वविद्यालय के छात्र शोध के क्षेत्र में एक अच्छा प्लेटफॉर्म पाकर कृषि के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित कर सके। इसी क्रम में एसकेआरएयू के कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. आई. पी. सिंह ने कार्बनिक खेती का महत्व तथा उसके विभिन्न फायदे छात्र-छात्राओं के साझा किये।
अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा ने कृषि के नए उपक्रमों व आयामों के बारे में जानकारी देते हुए नई कृषि तकनीक के ऊपर अपने विचार साझा किये। उन्होंने बताया कि हमारी यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी कृषि की सही जानकारी विद्यार्थियों को मिले ताकि रोजगार के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। कृषि से कम लागत में अधिक मुनाफा कैसे अर्जित करें इसी क्षेत्र में यूनिवर्सिटी द्वारा नये-नये रिसर्च व प्रयास किये जा रहे हैं। स्वामी केशवानन्द विष्वविद्यालय के सहयोग व नेतृत्व का आभार जताया।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति दिनेश जुनेजा ने इस कार्यक्रम को दोनों विश्वविद्यालयों को दो नदियों के संगम के रुप में बताया। कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. श्यामवीर सिंह, प्रशासक डॉ. राजकुमार, डॉ. विक्रम औलख, डॉ. सुनील ठकराल, डॉ. सुचित्रा दिवाकर, डॉ. सत्यनारायण, डॉ. अर्चना तंवर, डॉ. विक्रम मेहरा, डॉ. बाबूलाल पारीक, मुकेश कुमार, दीपक मौर्य, राहुल यादव, पी. डी. सिंह व महेन्द्र सिंह व अन्य स्टाफ तथा विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कोविद कुमार ने किया।