भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क. हनुमानगढ़. नागरिक सुरक्षा मंच ने जनप्रतिनिधियों से पूछा है कि वे जनता को बताएं कि नशामुक्ति उनके लिए मुद्दा है या नहीं। टाउन स्थित शहीद स्मारक में पत्रकारों से बातचीत में नागरिक सुरक्षा मंच के संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट शंकर सोनी व सचिव आशीष ने गौतम ने बताया कि नशा एक सामाजिक बुराई है और यह प्रशासन और सरकार स्तर पर होने वाले उच्च प्रयासों से ही नियंत्रित हो सकता है। एडवोकेट शंकर
सोनी ने बताया कि 7 करोड़ से ज्यादा युवा 10 से 17 की उम्र में नशे की चपेट में पूरे देश में आ रहे हैं और राजस्थान के हमारे 2 जिलों में अधिकतम युवा शिकार हो रहे हैं। वक्त रहते अगर स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो उड़ता पंजाब के बाद उड़ता राजस्थान जैसे शब्द हम सभी को सार्वजनिक रूप से यहां वहां सुनने को मिल जाएंगे।
मंच के सचिव आशीष गौतम ने बताया कि उनकी 19 दिवसीय यात्रा में उन्हें कई अनुभव हुए और लोगों की शिकायतें और सुझाव सुनने को मिले। गौतम ने बताया कि यात्रा के दौरान बहुत से लोगों ने यह शिकायत की प्रशासन द्वारा जारी मंशा योजना का शिकायत नंबर कोई उठाता ही नहीं ,लगातार फोन बजते रहते हैं लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं देता, उन्होंने कहा कि इस विषय में प्रशासन को देखना चाहिए की किस वजह से यह लापरवाही सामने आ रही है। गौतम ने आगे की योजना बताते हुए कहा कि नागरिक सुरक्षा मंच और दोनों जिलों के हजारों युवा चाहते हैं कि उनके विधायक और सांसद इस मामले को विधानसभा और संसद में मजबूत तरीके से उठाएं इसी मांग को ध्यान में रखते हुए आज नागरिक सुरक्षा मंच दोनों जिलों के 11 विधायकों और सांसद महोदय को एक पत्र सार्वजनिक रूप से लिख रहे हैं ताकि जनता की यह मांग उन तक पहुंचे और वह राज्य और केंद्र सरकार के सामने उच्च साधनों में बढ़ते नशे की समस्या को मजबूती से रख सके। गौतम ने कहा कि उनके जैसे युवा और संस्थान तो केवल सड़क पर ही जागरूकता ला सकते हैं ,जनप्रतिनिधियों का यह दायित्व बनता है कि वह इस मुद्दे को सदन में उठाए और दोनों जिलों के लिए सरकारी नशा मुक्ति केंद्र, नशा बेचने वालों और करने वालों के पुनर्वास व्यवस्था इत्यादि के लिए योजनाएं बनवा कर लाए ताकि दोनों जिलों के बिगड़ते हुए हालात को वक्त रहते काबू किया जा सके। इस मौके पर मंच के कार्यकर्ता भगवान सिंह खुड़ी, असलम खान, सद्दाम खान ,बाबू खान इत्यादि मौजूद रहे।