आगामी 5 मार्च को राजस्थान जाट महासभा एवं जाट संगठनों की तरफ से जाट महाकुंभ का आयोजन जयपुर स्थित विद्याधर नगर स्टेडियम में किया जा रहा है। जिसकी तैयारियां जिले भर में जोरों-शोरों से चल रही है। इसी के तहत संगरिया में डबवाली रोड़ स्थित चौधरी बहादुर सिंह समाज जागृति परमार्थ ट्रस्ट प्रांगण में अखिल भारतीय जाट महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जाट महाकुंभ के पोस्टर का विमोचन करते हुए पीले चावल बांटे गए। कार्यक्रम शुरू करने से पहले स्वामी केशवानंद और बहादुर सिंह भोभिया सहित सभागार में जाट विभुतियों कि लगी सभी प्रतिमाओं को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। पोस्टर विमोचन के दौरान मौजूद जाट समाज के नागरिकों ने जाट महाकुंभ में अधिक से अधिक संख्या में एकत्रित होने का आह्वान किया। इस अवसर पर युवा जाट मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राजस्थान युवा जाट महासभा के पुर्व प्रदेश महासचिव अनिल जांदू, भूपेन्द्र लाम्बा, फतेह सिंह झाझडिया ने हनुमानगढ़ से विशेष तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। शिक्षाविद् रामलाल बिस्सु और संगरिया जाट महासभा के पूर्व अध्यक्ष राजीव सिहाग ने कहां कि देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के आतिथ्य में होने जा रहे इस जाट महाकुंभ में सिर्फ राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश के जाट एकत्रित होंगे। आज जाटों को कमजोर आंका जा रहा है इसलिए उनको शक्ति दिखाना आवश्यक है। राज्य सरकार ने सभी जातियों के बोर्ड बनाए, लेकिन जाटों के महाराजा सूरजमल या फिर वीर तेजाजी महाराज के नाम पर बोर्ड का गठन नहीं किया। पिछले 22 वर्षों में कई आंदोलन किए लेकिन प्रतिफल नहीं मिला। जाट महासभा संगरिया अध्यक्ष राजा राम बेनीवाल और महिला अध्यक्ष श्रीमती रेनू झींझा ने कहां कि यूं तो इस महाकुंभ में जाट समाज और खेती-किसानी से जुड़ी सभी समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा लेकिन मुख्य रूप से आरक्षण के मुद्दे पर बातचीत होगी। महाकुंभ में जातीय जनगणना का संकल्प प्रस्ताव पारित कर इससे राजस्थान एवं केंद्र सरकार को अवगत कराया जाएगा ताकि समाज को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण मिल सके। उदय सिंह बैनीवाल और अनिल जांदू ने कहां कि यह इस महाकुंभ का ही प्रभाव है कि आयोजन से पहले ही राज्य सरकार जाट समाज के विकास हेतु वीर तेजाजी बोर्ड का गठन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ का मकसद समाज को अपने हक के प्रति जागरूक करना एवं सामाजिक चेतना जगाने का है। महाकुंभ के जरिए एकजुट होकर केंद्र तथा राज्य सरकार के सामने अपने हक की लड़ाई लड़ना है। जगदीश सहारण और योगेश भोबिया ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27% कर दिया गया है। जबकि कुछ राज्य में जनसंख्या के आधार मानकर ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बढ़ाया गया है, राजस्थान में भी यह फैसला लागू होना चाहिए। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जाट महासभा की ओर से जाट महाकुंभ का आयोजन जाट समाज के घटते प्रतिनिधित्व को लेकर किया जा रहा है क्योंकि राजनीतिक दल वोटों के लिए जाटों को प्रदेशाध्यक्ष तो बनाती है लेकिन सीएम नहीं बनाती है। प्रदेश में 20 प्रतिशत जनसंख्या जाटों की होने के बावजूद आज तक किसी भी पार्टी ने जाट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। कार्यक्रम में राजवीर सिहाग, इन्द्रपाल तरड़, इंद्रसेन सहारण, साहबराम ज्याणी, देवीलाल सहारण, धनश्याम झोरड़, महिला मातृशक्ति से इन्दु सहारण, शिलोचना कड़वासरा, निधि सिहाग सहित कई गणमान्य उपस्थित रहें।