भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
अफसर कई बार अतिउत्साह में कुछ बोल जाते हैं और वह बात ‘खबर’ बन जाती है। हनुमानगढ़ की कलक्टर रूक्मणि रियार भी शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बैठक में कुछ ऐसा हीं बोल गईं लेकिन उस वक्त उन्हें उस बात के अर्थ का पता नहीं चला कि मामला इतना तूल पकड़ सकता है। जब प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने जिलाध्यक्ष सुरेश शर्मा के नेतृत्व में उन्हें वस्तुस्थिति की जानकारी दी तो कलक्टर को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने स्वीकार किया कि बैठक में मौखिक तौर पर उन्होंने कुछ कह दिया लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अभिभावक प्राइवेट स्कूलों से बिना टीसी लिए सरकारी स्कूलों में बच्चों का एडमिशन करवाने पहुंच जाएं। स्कूल संचालकों के मुताबिक, कलक्टर ने स्पष्ट किया कि उनका मतलब इतना भर था कि कोई जरूरतमंद परिवार का बच्चा बेवजह टीसी आदि के चक्कर में पढ़ाई से वंचित न रहे। यह व्यवहारिक बात है।
इस पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहाकि प्रशासन अपने स्तर पर कमेटी बनाकर जांच करवा ले, पता चल जाएगा कि प्राइवेट स्कूलों में किस तरह सेवा भावना से जरूरमंद परिवारों के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहाकि फिर भी प्रशासन जिस बच्चे की पैरवी करेगा, उसे निःशुल्क शिक्षा देने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन सक्षम परिवारों के अभिभावक जब बिना टीसी बच्चों को स्कूल से हटाएंगे तो सारा सिस्टम बिगड़ जाएगा। कलक्टर ने इस बात को वाजिब बताया और कहाकि उस वक्त बैठक में उनकी प्राइवेट स्कूलों को परेशान करने संबंधी कोई मंशा नहीं थी।
इस मौके पर तहसील अध्यक्ष महावीर पंचारिया़, जिला महासचिव भारत भूषण कौशिक, जिला कोषाध्यक्ष आरके त्यागी, जिला संगठन मंत्री राजेश मिड्ढा एवं रणजीत सिंह ढिल्लों, जिला महासचिव अशोक सुथार, पूर्व तहसील अध्यक्ष एडवोकेट विजय चौहान, रमेश बजाज, अखिलेश छाबड़ा, सुरेंद्र नागपाल, प्रवीण वर्मा, अमरजीत शाक्य, ओम साईं, प्रवीण गोयल, अंजू बंसल, शिंटू मिश्रा, चाननराम चौधरी, संजय सैन, विनोद योगेश शर्मा, मनीष जैन, गुरप्रीत सिंह, अमित मिश्रा, लोकेश शर्मा, नजेंद्र मनीष जैन आदि स्कूल संचालक उपस्थित थे।