सिद्धमुख नहर परियोजना में किलाबंदी : छह बार हो चुकी जांच

भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क. जयपुर.
नोहर की सिद्धमुख नहर परियोजना क्षेत्र में किलाबंदी का कार्य कर रही कंपनी वाप्कोस लिमिटेड के कार्यों की विभाग द्वारा 6 बार मौके पर टीमें भेजकर जांच कराई गई है। समय पर काम नहीं करने पर इस कंपनी के खिलाफ नियमानुसार पेनल्टी भी लगाई गई है। यह बात उपनिवेशन मंत्री शाले मोहम्मद ने कही। वे नोहर विधायक अमित चाचाण द्वारा पूछे प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि यह काम 31 अगस्त 2023 तक पूरा हो जाएगा, इसके लिए कंपनी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उपनिवेशन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। 

इससे पहले विधायक अमित चाचाण के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उप निवेशन मंत्री ने अवगत कराया कि सिद्धमुख नहर परियोजना क्षेत्र में वाप्कोस लिमिटेड द्वारा 15 मई 2017 से 118 गांवों में किलाबंदी एवं मुरबाबंदी का काम किया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र नोहर की सिद्धमुख नहर परियोजना क्षेत्र में 48 गांवों में से पत्थरों की सप्लाई एवं उनकी मौके पर स्थापना कुल 48 गांवों में की जा चुकी है। सूची नम्बर चार कुल 46 गांवों की तैयार कर प्रमाणीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 45 गांवों की सूची नम्बर 8 तैयार कर प्रमाणीकरण किया जा चुका है। पर्चा खतौनी 45 गांवों की तैयार की जा चुकी है। जमाबन्दी लेखन 107 चकों की तैयार की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि दो गांवों की सूची नम्बर 4, तीन गांवों की सूची नम्बर 8, तीन गांवों की पर्चा खतौनी तथा 38 चकों का जमाबन्दी लेखन शेष है। उपनिवेशन मंत्री ने अवगत कराया कि जमाबंदी लेखन का कार्य 31 अगस्त 2023 तक पूर्ण करवाया जाकर जमाबंदी राजस्व विभाग को संभलाया जाना संभावित है।

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