वाइस चांसलर क्यों बोले, कम्युनिकेशन और लैंगुएज स्किल पर काम करने की जरूरत!

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.

जाने-माने शिक्षाविद और जेप्पियार यूनिवर्सिटी, चेन्नई के वाइस चांसलर प्रोफेसर आर एल गोदारा का मानना है कि ग्रामीण अंचल की प्रतिभाओं को उचित समय पर यदि उपयुक्त मंच मिले, तो निश्चित तौर पर वे बेहतर परिणाम दे सकते हैं। भारत के युवा संसाधन के कुशलतम निवेश से न केवल देश का आर्थिक परिदृश्य बदलेगा, बल्कि दुनिया के शेष राष्ट्रों में तकनीकी उन्नयन और कौशल के लिए भी भारतीय मेधा के पास बहुत संभावनाएं हैं। वे श्री खुशालदास विश्वविद्यालय कैंपस में गणित विभाग की ओर से आयोजित कम्प्यूटेशनल मैथेमेटिक्स, साइंस, इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट इनोवेशन विषयक दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। 
उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस में जिस तरह से कंप्यूटर एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कॉम्प्रिहेंसिव एप्लीकेशन को सरलीकृत ढंग से समझाया गया, वो उल्लेखनीय है और उसका सीधा लाभ यहाँ के स्टूडेंट्स और नए दौर की नयी पीढ़ी को मिलने वाला है।गोदारा ने कहा कि वे स्वयं ग्रामीण परिवेश से संबंध रखते हैं और ये उनका अनुभव रहा है कि उत्तर भारत के लगभग सभी शैक्षणिक संस्थानों में लैंग्वेज लैब के माध्यम से कम्युनिकेशन और लैंगुएज इन दो स्किल पर निरंतर काम करने की आवश्यकता है जिससे स्टूडेंट्स का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाया जा सके।   

कांफ्रेंस के दूसरे दिन की-नोट स्पीकर राजकीय महाविद्यालय सतनाली महेन्दरगढ़ से डॉ. आशीष कुमार ने डाईनेमिकल सिस्टम का विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में उपयोग, राजकीय महाविद्यालय चरखी दादरी हरियाणा से डॉ. बजरंग कुमार, सेठ पोदार कॉलेज नवलगढ़ से डॉ. रविन्दर कुमार ने शोध में कम्युनिकेशन स्किल तथा नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय प्रयागराज से डॉ. अर्चना शुक्ला ने छिद्रित माध्यम में द्रव गति विज्ञान विषय पर व्याख्यान दिया। साथ ही देश के विभिन्न भागों से आए युवा वैज्ञानिकों ने शोध-पत्रों का वाचन किया। 

इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि कॉन्फ्रेंस में स्तरीय शोध-पत्रों के माध्यम से स्कॉलर्स ने गुणात्मक ज्ञान के प्रसार में योगदान किया। विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन दिनेश कुमार जुनेजा ने कांफ्रेंस में विज्ञान, गणित, मैनेजमेंट आदि सभी महत्वपूर्ण विषयों के समावेश को सफल प्रयोग बताया।

प्रो. वाइस चांसलर प्रो. वैभव श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि शोध पत्रों को अकादमिक पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाया जाएगा। समापन समारोह में कांफ्रेंस कन्वीनर डॉ. पुष्पेंद्र कुमार ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. आरए मीणा,  डॉ. उम्मेद सिंह, डॉ. पवन वर्मा, डॉ. स्वाति ओझा, डॉ.  अर्चना तंवर, डॉ. विक्रम ओळख, डॉ. राजेन्द्र निकुंभ, डॉ. मोहित कुमार, डॉ. अर्पना अरोड़ा, मुकेश कुमार, मनवीर कौर, राज कौर सहित बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स उपस्थित थे। 

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