इधर, रंधावा के बयान के बाद अब जोशी ने इशारों में पायलट खेमे के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाकर सियासी विवाद को हवा दे दी है। महेश जोशी ने 25 सितंबर की घटना के एक्शन के रूप में इस्तीफा दिया या दो पदों के कारण दिया, इस सवाल पर रंधावा ने कहा-इस्तीफा का कारण वो कार्रवाई भी है। दो पद भी है। इस मामले में आगे भी कार्रवाई होगी। रंधावा शनिवार को जयपुर के सर्किट हाउस में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह मामला मेरी नियुक्ति से पहले का है, ऐसे में आलाकमान जो मुझे निर्देश देगा, मैं वही कार्रवाई करूंगा। इस मामले में मुझे कोई रिपोर्ट नहीं भेजनी, लेकिन आलाकमान अगर मुझे कोई कार्रवाई करने को कहेगा तो मैं तुरंत प्रभाव से कर दूंगा। मुझे जो आलाकमान ने कार्रवाई करने को कहा, वह मैंने कर दी है। प्रदेश प्रभारी ने यह माना कि नेताओं के बीच मनमुटाव है। उसे समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। पायलट की कोई नाराजगी नहीं है। यह तो केवल मीडिया की बातें हैं। बता दें कि 25 सितंबर को सीएम हाउस पर बुलाई गई विधायक दल की बैठक का गहलोत खेमे के विधायकों ने बहिष्कार करते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर पैरेलल बैठक की थी। इस मामले में शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया था। तीनों नेता नोटिस का जवाब दे चुके थे। कांग्रेस अनुशासन कमेटी के पास मामला पेंडिंग है। अब तक कमेटी ने सीधा एक्शन नहीं लिया है। गौरतलब है कि सचिन पायलट खेमा 25 सितंबर की घटना के लिए जिम्मेदार तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग लगातार कर रहा है। खुद पायलट हाल ही में कई बार इस मुद्दे पर बयान दे चुके हैं।
जोशी के इस्तीफ से गरमाएगी कांग्रेस की सियासत !
कांग्रेस की राजनीति में फिर तूफान आने की आहट महसूस की जा रही है। दरअसल, माना जा रहा है कि जलदाय मंत्री महेश जोशी के सरकारी मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफे के बाद कांग्रेस की सियासत गरमाएगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जोशी के इस्तीफे के पीछे एक व्यक्ति एक पद और 25 सितंबर की घटना पर कार्रवाई का परिणाम बताया है।