छह लोगों ने की शुरुआत, बन गया साइक्लिंग क्लब का कारवां.. फिर ….?

भटनेर पोस्ट ब्यूरो. हनुमानगढ़.
वक्त का पहिया ठहरता नहीं, चलता रहता है। इसलिए साइकिल का पहिया भला कैसे थम सकता है। हां, साइकिल चलाने को लेकर सोच में बदलाव जरूर आया है। पहले लोग आवाजाही का अहम साधन मानकर साइकिल का उपयोग करते थे और अब साइकिल केवल शौक का माध्यम बनकर रह गई है। लेकिन सेहतमंद होने के लिए लोग फिर साइकिल की सवारी करने लगे हैं। भले वह जज हों या फिर व्यापारी अथवा डॉक्टर। हनुमानगढ़ में कुछ प्रबुद्ध युवाओं ने मिलकर संडे साइक्लिंग क्लब का गठन किया ताकि साइक्लिंग को बढ़ावा मिल सके।

संस्थापक सदस्य पुष्पेंद्र सिंह शेखावत बताते हैं कि जब शुरुआत हुई तो महज पांच-छह लोग ही जुड़े लेकिन जब हर रविवार को लोग सामूहिक तौर पर साइकिल चलाते देखते तो उनमें भी जागरुकता आई और धीरे-धीरे बाकी लोग भी जुड़ने लगे। आलम यह है कि आज क्लब में करीब 250 से अधिक सदस्य हैं। यह अलग बात है कि सक्रिय सदस्यों की संख्या करीब 50-60 है। विश्व साइकिल दिवस पर साइक्लिंग क्लब और प्रशासन की ओर से संयुक्त साइकिल रैली निकाली गई। इसमें क्लब सदस्यों सहित एडीएम प्रतिभा देवठिया व जिला परिषद सीईओ अशोक असीजा सहित अन्य अधिकारियों ने शिरकत की।
क्लब के संस्थापक सदस्य पुष्पेंद्र सिंह शेखावत बताते हैं कि साइकिल चलाने से आपका इंधन बचता है इससे आपकी जेब पर भी कम असर पड़ता है और वातावरण भी ठीक रहता है। आजकल लोग थोड़ी दूरी तय करने के लिए भी गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं ऐसा आपको नहीं करना चाहिए अगर आप आसपास की जगह जा रहे हैं तो साइकिल का इस्तेमाल करें।
कृष्ण जांगिड़ कहते हैं कि चार साल से साइक्लिंग का परिणाम यह है कि शरीर पूरी तरह स्वस्थ रहने लगा। शारीरिक व मानसिक थकावट महसूस तक नहीं होती। यह अपने आपमें बिग अचीवमेंट है।
पवन सरावगी के मुताबिक, साइक्लिंग के साथ हमने अपने वजन पर नियंत्रण पा लिया है। यह छोटी बात नहीं। अब तो दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं। साइकिल चलाने में कोई शर्म नहीं। इससे हम खुद का और समाज का भी भला कर सकते हैं।
लवली चावला भी साइकिल चलाने का फायदा बताते हैं। कहते हैं, ‘सुबह उठकर साइकिल चलाने के फायदे ही फायदे हैं। शरीर को स्वस्थ रखने का बड़ा साधन है कि आप नियमित साइकिल चलाओ।’

साइकिल विक्रेता दीपक धूड़िया बताते है कि अब जरूरत के बजाय साइकिल शौक बन गई है। आज के दौर में लोग हल्की से हल्की से साइकिल की मांग करते हैं। लोग अब फिटनेस के लिए साइकिल का अधिक इस्तेमाल करते हैं जबकि पहले यह यातायात का अहम साधन मानी जाती थी। शहर में साइकिल की करीब 20 दुकानें हैं जहां पर रेंजर यानी स्पोर्ट्स साइकिल की डिमांड अधिक है। इस तरह की साइकिल पांच हजार से लेकर 25 हजार तक उपलब्ध है।

साइकिल ट्रैक के प्रति उदासीनता का सबब
एक तरफ साइक्लिंग क्लब लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित कर रहा है तो दूसरी तरफ समस्या यह है कि जिला मुख्यालय पर साइकिल चलाएं कहां ? साइकिल ट्रैक नहीं होने से बड़ी समस्या है। साइक्लिंग क्लब करीब तीन साल से शहर में कुछ साइकिल ट्रैक बनवाने की मांग कर रहा है। खास बात है कि तत्कालीन कलक्टर जाकिर हुसैन व नथमल डिडेल ने रुचि भी दिखाई। नगरपरिषद सभापति गणेशराज बंसल तो पूरी तरह सहयोग करते दिखे। करीब 50 लाख की लागत टाउन स्थित राधा स्वामी डेरा से सहजीपुरा की तरफ साइकिल ट्रैक बनवाने की घोषणा की। पुष्पेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक, टेंडर होने के बावजूद निर्माण शुरू नहीं होने से निराशा है। साइकिल ट्रैक बनने से लोग साइक्लिंग के प्रति और अधिक प्रेरित होंगे।
बेहद फायदेमंद है साइक्लिंग : डॉ. एमपी शर्मा

नियमित साइकिल चलाने के फायदे ही फायदे हैं। जाने-माने सर्जन और राजकीय जिला अस्पताल के पूर्व पीएमओ डॉ. एमपी शर्मा ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं कि साइकिलिंग करने से दिल को काफी फायदा पहुंचता है। साइकिलिंग के दौरान दिल की धड़कन तेज होती है, जो एक तरह से दिल के स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज है। साइकिल चलाने जैसी गतिविधि से हृदय और रक्त वाहिकाओं से संबंधी जोखिम कम किया जा सकता है। अगर कोई वजन घटाने की कोशिश कर रहा है तो उसके लिए भी साइकिलिंग बहुत मददगार साबित हो सकता है। ये कैलोरी बर्न करने में मददगार साबित हो सकता है। हां, साइकिलिंग के साथ-साथ संतुलित खानपान भी होना चाहिए। साइकिलिंग के दौरान लगातार पैरों से ही पैडलिंग की जाती है इस दौरान पैर ऊपर से नीचे की तरफ एक सर्कल में गतिविधि करता है। इससे पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है। ये शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाता है। अगर आप मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं तो भी साइकिल चलाना चाहिए। साइकिल चलाने के दौरान एरोबिक व्यायाम की गतिविधियां होती है। ये गतिविधियां मन की स्थिति में बदलाव लाकर मस्तिष्क में खून का प्रभाव बेहतर बना सकती है, जो तनाव की प्रक्रिया को कम कर सकते हैं। इससे डिप्रेशन और चिंता के लक्षण भी कम करने में मदद मिल सकती है।’ 

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