भटनेर पोस्ट ब्यूरो. जयपुर.
हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (एचजेयू) में अकादमिक सत्र 2023-24 के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश की आखिरी तारीख बढ़ाकर 24 जुलाई कर दी गई है। पत्रकारिता और जनसंचार के विभिन्न क्षेत्रों में करियर बनाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए विश्वविद्यालय में नए सत्र में रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के ज्यादा विकल्प उपलब्ध होंगे। प्रवेश संबंधी पूरी जानकारी और आवेदन पत्र विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। विद्यार्थियों को ऑनलाइन ही आवेदन करना है। विश्वविद्यालय में सत्र 2023-24 से कई नए पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ ही मौजूदा पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के अनुरूप तैयार किया गया है।
अब पत्रकारिता और जनसंचार में तीन वर्षीय स्नातक पाठयक्रम (बीए-जेएमसी) के साथ ही 4 वर्षीय बीए ऑनर्स (मीडिया स्टडीज) भी विद्यार्थी कर सकते हैं। इस पाठ्यक्रम के बाद विद्यार्थी सीधे एक वर्ष में ही एमए पूरा कर सकेंगे। यही नहीं देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों से स्नातकोत्तर डिप्लोमा करने वाले विद्यार्थी एक वर्षीय एमए कर सकेंगे। साथ ही दो वर्षीय स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रमों- एमए (मीडिया स्टडीज), एमए (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया), एमए (विज्ञापन एवं जनसंपर्क) एमए (न्यू मीडिया) और एमए (विकास संचार) में भी आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा स्ववित्तपोषित पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों-पीजी डिप्लोमा इन पब्लिक हेल्थ एंड मास कम्युनिकेशन, पीजी डिप्लोमा इन डैस्कटॉप पब्लिशिंग, पीजी डिप्लोमा इन फोटोग्राफी और पीजी डिप्लोमा इन ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म और के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
गौरतलब है कि जनसंचार के शिक्षण के लिए समर्पित हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय देश का तीसरा और राजस्थान का इकलौता राज्यवित्त पोषित विश्वविद्यालय है।
हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) सुधि राजीव ने बताया, ‘हमने पाठ्यक्रमों को युवाओं में कौशल विकास और रोजगार की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और पब्लिक हेल्थ जैसे कोर्सेज शामिल किए गए हैं। राज्य और देशभर के युवाओं के लिए हमारा विश्वविद्यालय इसलिए भी एक अवसर है, क्योंकि सभी को उच्च शिक्षा के मंत्र के साथ यहां पाठ्यक्रमों की फीस बहुत कम रखी गई है। यही नहीं सभी वर्गों की बालिकाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (गैर-आयकरदाता) के विद्यार्थियों से कोई शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाता है।’
प्रो. सुधि ने आगे कहा, ‘मीडिया के विभिन्न क्षेत्रों के लिए दक्ष पेशेवर तैयार करने में एचजेयू प्रमुख भूमिका निभा रहा है। केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी विश्वविद्यालय में हर वर्ष प्रवेश लेते हैं। महिलाओं की मीडिया में भागीदारी बढ़ाने का हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। देश के अन्य राज्यों से भी लड़कियां बड़ी संख्या में प्रवेश लेती हैं, क्योंकि यहां उनको शिक्षण शुल्क नहीं देना होता है। हमारा प्रयास एचजेयू को पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षण के क्षेत्र में देश का बेहतरीन संस्थान बनाना है।’