भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
खेती-किसानी में अब ‘रिस्क कवर’ आसान नहीं। कभी बेमौसम बारिश तो कभी सिंचाई पानी की कमी। अब फिर मौसम में बदलाव और गुलाबी सुंडी से फसलें तबाह हो गईं। किसानों की व्यथा को शब्द देने के लिए किसान नेताओं ने पत्रकार वार्ता की और परेशानियां बताईं। किसान नेताओं ने कहाकि गुलाबी सुंडी व बेमौसम बारिश से नरमा, ग्वार व मूंग की फसलें बर्बाद हो गईं। आलम यह है कि अब केसीबी का ब्याज भरना भी मुश्किल है। इसलिए नुकसान का सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने की जरूरत है।
किसान नेताओं ने हैरानी जताई कि धान और मूंग की एमएसपी पर खरीद शुरू करवाने को लेकर अभी तक कोई सुगबुगाहट नहीं है। प्रशासन को 11 सितंबर को आगाह किया लेकिन कोई फायदा नहीं। प्रशासन किसान हितों की लगातार अनदेखी कर रहा है। प्रशासन में ऐसे अधिकारी बैठे हैं जो किसी की कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं। किसान शांतिपूर्वक अपनी बात कहता है तो उनके कानों तक पहुंचती ही नहीं। ऐसे में 26 सितंबर को किसान एकजुटता दिखाते हुए कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।
प्रेस कांफ्रेंस में रामेश्वर वर्मा, रेशम सिंह मानुका, ओम जांगू, राय साहब चाहर, मनप्रीत सिंह मक्कासर, लखबीर सिंह, बलविंदर सिंह, संदीप सिंह कंग, गुरुपरविंदर सिंह, गुरजीवन सिंह, गोपाल बिश्नोई आदि मौजूद थे।
किसान नेताओं ने हैरानी जताई कि धान और मूंग की एमएसपी पर खरीद शुरू करवाने को लेकर अभी तक कोई सुगबुगाहट नहीं है। प्रशासन को 11 सितंबर को आगाह किया लेकिन कोई फायदा नहीं। प्रशासन किसान हितों की लगातार अनदेखी कर रहा है। प्रशासन में ऐसे अधिकारी बैठे हैं जो किसी की कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं। किसान शांतिपूर्वक अपनी बात कहता है तो उनके कानों तक पहुंचती ही नहीं। ऐसे में 26 सितंबर को किसान एकजुटता दिखाते हुए कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।
प्रेस कांफ्रेंस में रामेश्वर वर्मा, रेशम सिंह मानुका, ओम जांगू, राय साहब चाहर, मनप्रीत सिंह मक्कासर, लखबीर सिंह, बलविंदर सिंह, संदीप सिंह कंग, गुरुपरविंदर सिंह, गुरजीवन सिंह, गोपाल बिश्नोई आदि मौजूद थे।