मध्यम वर्ग के लिए राहत देगा बजट : रोहित अग्रवाल, कर सलाहकार

भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क.
काफी समय से इस बजट का इंतजार था। खासकर करदाताओं को छूट मिलने की उम्मीद थी। आखिरकार, आखिरी बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को राहत तो दी, लेकिन उनको जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में नया इनकम टैक्स सिस्टम चुनेंगे। पुराना टैक्स सिस्टम लेने वाले टैक्स पेयर्स पहले जैसे ही टैक्स देते रहेंगे। नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए रिबेट की लिमिट 7 लाख रुपए कर दी गई है। पहले ये 5 लाख रुपए थी। बजट में वेतनभोगी वर्ग को एक और राहत दी गई है। नए टैक्स सिस्टम में 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल कर लिया गया है। यानी 7.5 लाख रुपए तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसको ऐसे समझें… 7.5 लाख रुपए सैलरी पर पहले 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन घटा लें। बचे 7 लाख रुपए। 7 लाख रुपए होते ही आप रिबेट के दायरे में आ जाएंगे और पूरी टैक्स छूट मिल जाएगी। लेकिन अगर आपकी कमाई सैलरी से नहीं होती है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा। यानी आपकी इनकम 7 लाख रुपए से एक रुपया भी ज्यादा हुई तो टैक्स चुकाना होगा। बड़ी बात कि प्राइवेक्ट सेक्टर में लीव इनकैशमेंट में पहले तीन लाख तक की छूट थी जिसे अब 25 लाख कर दिया गया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो टैक्स के हिसाब से वेतनभोगियों व छोटे व्यापारियों यानी मध्यम वर्ग के लिए यह बेहतरीन बजट है। हां, जीएसटी में छोटे व्यापारियों को राज्य सरकार की तरह किसी तरह की छूट की उम्मीद थी। राज्य सरकार जिस तरह एमेस्टी स्कीम से छोटे व्यापारियों को राहत दे रही है, इसी तरह केंद्र सरकार को भी पहल करनी चाहिए थी, जहां पर व्यापारियों व व्यवसायियों को निराशा हुई है।  
लेखक भटनेर पोस्ट मैगजीन के मैनेजिंग एडिटर हैं

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