जब अनाथ आश्रम पहुंचे कलक्टर

भटनेर पोस्ट न्यूज. अलवर.
जिला मुख्यालय के भूरासिद्ध रोड स्थित अनाथ आश्रम में आज खूब चहल-पहल थी। कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी सपत्नीक यहां पर रहने वाले बच्चों के साथ होली खेलने पहुंचे थे। कलक्टर खुद बच्चों के साथ दरी पर बैठे। अचानक उनकी नजर अंश नामक एक बच्चे पर पड़ी। उसकी कमीज के बटन खुले थे। कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने उसे पास बुलाया, अपने हाथों से बटन बंद किए। उन्होंने बच्चों को पहले मिठाई खिलाई वो भी अपने हाथों से। फिर उन बच्चों के साथ होली खेली। फिर बच्चों के साथ बातचीत का दौर भी चला। कलक्टर ने पूछा, ‘आपमें से किसी को गीत आता है ?’ वंश नामक बच्चा बोल पड़ा, ‘मुझे आता है।’ कलक्टर मुस्कुराए। बोले, ‘अरे वाह! सुनाओ न!’
मासूम वंश ने जब ‘बच्चे मन के सच्चे’ गाकर सुनाया तो माहौल भावुक हो गया। कलक्टर ने उसकी पीठ थपथपाई। आश्रम के व्यवस्थापक ने बताया कि वंश बंजारा परिवार का है। वंश को जन्म देने के बाद मां की मौत हो गई और कुछ समय पहले पिता का भी बीमारी की वजह से निधन हो गया। कलक्टर ने अधिकारियों से भी समय-समय पर अनाथ आश्रम आकर बच्चों के साथ वक्त बिताने को कहा। गौरतलब है कि हनुमानगढ़ के रावतसर मूल के आईएएस डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी लेखनी के धनी हैं। उनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में लोकप्रिय अफसर के तौर पर जाने जाते हैं। 

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