भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि लोकतंत्र में संवाद का सर्वाधिक महत्त्व हैं। इसी से निर्णय संभव होते हैं, सहमति बनती है और लोकतंत्र सुदृढ़ होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र विश्वभर में सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं है बल्कि यह संवाद से लोक कल्याणकारी निर्णय लेने वाला भी सबसे बड़ा राष्ट्र है। उन्होंने भारत को विश्व का सबसे बड़ा युवा देश बताते हुए कहा कि युवा शक्ति से ही भारत भविष्य का सबसे विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने युवाओं को ‘विकसित भारत 2047’ के लिए जुटने का आह्वान करते हुए कहा कि भविष्य के विकास रथ के सारथी वही रहेंगे। बागडे जयपुर के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट के सभागार में ‘भारतीय युवा संसद- के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संवाद से सुस्वाद होता है और सुस्वाद से मैत्री होती है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग शक्ति और साहस का पुंज होता है। आजादी से पहले पूरे नब्बे साल तक युवाओं ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया। अनंत कांहेरी, खुदीराम बोस आदि युवा थे, तभी से अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने युवाओं की शक्ति, दूसरे विश्व युद्ध और ब्रिटिश संसद में लोकशाही चुनाव कानून पारित करने की चर्चा करते हुए कहा कि युवा भागीदारी ने देश की आजादी में महती भूमिका निभाई। उन्होंने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलते हुए राष्ट्र विकास के नए आयाम स्थापित किए जाने, अर्थव्यवथा को मजबूत करने और देश को ज्ञान की दृष्टि से विश्वभर में अग्रणी किए जाने पर जोर दिया। कर्नाटक के विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादिर ने लोकतंत्र को संवाद की संसद बताते हुए राष्ट्र में युवाओं की सहभागिता को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि युवा संसद का अर्थ है, युवाओं में संवाद बना हुआ है। उन्होंने राजस्थान मे इसे महत्वपूर्ण बताया। आरंभ में जयपुर ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने स्वागत उद्बोधन दिया। ‘भारतीय युवा संसद’ के आशुतोष जोशी ने युवा संसद के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इससे पहले राज्यपाल बागडे ने ‘लोकतंत्र की विरासत’ पुस्तक का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में 24 राज्यों से आए युवाओं ने भागीदारी की।
मजबूत रही है लोकतंत्र की नींव: देवनानी
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विश्व लोकतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें प्राचीनकाल से ही बहुत मजबूत रही है। यहां परिवार, समाज में आज भी लोकतंत्र की जड़ें जीवंत है। उन्होंने कहा कि युवा लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करें। सहिष्णुता में जो कमी आ रही है, उस पर ध्यान दें। देवनानी ने कहा कि युवाओं में संसदीय परंपराओं का प्रसार हो। चुनौतियों का मुकाबला करने की शक्ति आए। उन्होंने अपने संबोधन में युवाओं द्वारा मेज़ थपथपाने को देखकर कहा कि यह युवाओं के लोकसभा, विधानसभा की ओर बढ़ने का प्रारंभ है। उन्होंने अधिकारों के साथ साथ युवाओं को कर्तव्य के प्रति भी सजग रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में नागरिक सहभागिता अधिक से अधिक बढ़े। इसमें युवा आगे आएं। जवाबदेही रखते हुए हम लोकतंत्र को और मजबूत करें।