





भटनेर पोस्ट डेस्क.
हनुमानगढ़ जंक्शन में नूर खालसा फौज की बैठक जिलाध्यक्ष लखविंदर सिंह डबली की अध्यक्षता में हुई, जिसमें गोलूवाला गुरुद्वारा प्रकरण पर समुदाय ने गंभीर चर्चा की। प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप सिंह ने स्पष्ट कहा कि सिख धर्म की मर्यादा सर्वाेपरि है और गुरुद्वारा में प्रवेश करने वाला हर व्यक्ति धार्मिक अनुशासन का पालन करे। बैठक में समुदाय की एकता, आस्था और परंपराओं की रक्षा का संकल्प लिया गया।

प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले में सिख धर्म की मर्यादा और परंपराओं का पालन सर्वाेपरि रहेगा। उन्होंने कहा कि गोलूवाला प्रकरण में जो रिसीवर नियुक्त किए गए हैं, वे गुरुद्वारा की मर्यादा का पूर्ण रूप से सम्मान करें। गुरुद्वारा परिसर में प्रवेश करते समय बेल्ट और टोपी पहनना सिख धर्म के विरुद्ध है, इसलिए नियुक्त रिसीवर को भी इन धार्मिक नियमों का पालन करते हुए ही प्रवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु घर में प्रवेश करने वाला प्रत्येक व्यक्ति सिक्ख मर्यादाओं के अनुरूप वेशभूषा और आचरण रखे, यही समुदाय की अपेक्षा है।

बैठक में प्रदेश प्रवक्ता ने यह भी मांग रखी कि गोलूवाला प्रकरण में जो रिसीवर नियुक्त किया जाए, वह सिक्ख समुदाय से ही संबंध रखने वाला हो। ऐसा व्यक्ति सिख धर्म की परंपराओं, मर्यादाओं और धार्मिक अनुशासन से भलीभांति परिचित होगा और किसी भी प्रकार की धार्मिक असंगति की संभावना नहीं रहेगी।

इसके साथ ही बैठक में सोशल मीडिया पर गोलूवाला प्रकरण को लेकर धर्म विरोधी व अभद्र टिप्पणियां करने वालों पर नाराजगी व्यक्त की गई। समुदाय के नेताओं ने मांग की कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और सभी आपत्तिजनक टिप्पणियों को संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तत्काल हटवाया जाए। उन्होंने कहा कि सिक्ख धर्म को बदनाम करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बैठक में यह भी दोहराया गया कि गोलूवाला विवाद वर्तमान में अकाल तख्त साहब की निगरानी में है और इस मामले के समाधान के लिए अकाल तख्त ही सर्वाेच्च धार्मिक प्राधिकरण है। इसलिए इस प्रकरण को किसी अन्य न्यायालय में स्वीकार न किया जाए।

प्रतिनिधियों ने कहा कि सिक्ख समुदाय की एकता और मर्यादा को बनाये रखने के लिए सभी को अकाल तख्त के निर्णय पर भरोसा करना चाहिए। बैठक में सिक्ख समुदाय के सदस्य, संगत, धार्मिक पदाधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में धार्मिक मर्यादा की रक्षा करने, अनुशासन बनाए रखने और सामूहिक रूप से गोलूवाला प्रकरण के समाधान में सहयोग देने का संकल्प लिया।


