







भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
हनुमानगढ़ नगरपरिषद् के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पास बने वाटर डैम के बार-बार टूटने से सिविल लाइन क्षेत्र जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सिविल लाइन एसोसिएशन की आपात बैठक हुई। इससमें क्षेत्रवासियों ने एक सुर में एसटीपी वाटर डैम को मौजूदा स्थान से अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग उठाई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष मोहनलाल इंदेलिया ने कहा कि हर बार नगरपरिषद् का बनाया कच्चा बांध टूट जाता है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। पानी का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा और इसका खामियाजा आसपास के मकान मालिकों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब अस्थाई व्यवस्था स्वीकार्य नहीं होगी, क्योंकि इस कारण मकानों की नींव कमजोर हो रही है और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं।

कृष्ण चाहर ने कहा कि सिविल लाइन शहर का पॉश इलाका है। पहले यहां के लोग रीको के गंदे पानी से परेशान थे और अब नगरपरिषद् के वाटर डैम ने जीवन और कठिन बना दिया है। हर बारिश के मौसम में हालात बिगड़ जाते हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति यह है कि जिला कलक्टर कार्यालय भी जलमग्न हो रहा है, जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

प्रेम सिंह राघव, भीमसेन शर्मा, संदीप बिश्नोई, ओपी थापन, जगतार सिंह, दयाराम डोटासरा, सुरेंद्र भादू, राजेंद्र बेनीवाल, शुभम चुघ, श्रीभगवान शर्मा व भूप सहारण आदि सदस्यों ने इस समस्या के स्थाई समाधान की मांग की। सदस्यों ने सर्वसम्मति से कहा कि नगरपरिषद् यदि इस डैम का स्थायी समाधान नहीं करती तो नागरिक आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि मजबूर होकर वे वाटर पम्पिंग को बंद कर देंगे, ताकि नगरपरिषद् को समस्या की गंभीरता का अहसास हो।
एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मीटिंग के बाद कलक्टर से मुलाकात की। कलक्टर ने एडीएम को समस्या के समाधान के लिए अधिकृत किया है। अध्यक्ष मोहनलाल ने एडीएम को ज्ञापन दिया जिसमें सीवरेज वाटर डैम को मौजूदा स्थान से हटाकर किसी अन्य उपयुक्त जगह स्थानांतरित करने की मांग शामिल है। उन्होंने एडीएम को बताया कि जलभराव से न केवल मकानों की दीवारें और नींव प्रभावित हो रही हैं, बल्कि गंदे पानी से बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सदस्यों का कहना था कि खाली भूखंडों में पानी एकत्रित होने से भी उनके मकानों को नुकसान हो रहा है। इसलिए नगरपरिषद ऐसे भूखंड मालिकों को निर्माण के लिए पाबंद करे व उनके खिलाफ कार्रवाई करे।





