



भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1.45 बजे अचानक बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 50 से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। खीर गंगा नदी में पहाड़ों से बहकर आया मलबा इतनी तेजी से फैला कि महज 34 सेकंड में धराली गांव का बाजार, कई मकान और होटल जलप्रलय में समा गए। चश्मदीदों के मुताबिक, लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। पूरा इलाका चीख-पुकार और मलबे के ढेर में तब्दील हो गया।
स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद ली जा रही है। प्रशासन ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि धराली गांव की त्रासदी दिल दहला देने वाली है। राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहाकि बचाव में टीमें जुटी हुई हैं। एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय रास्तों को साफ कर रही है और मलबे में फंसे लोगों को निकाल रही है। एनडीआरएफ की टीमें भारी मशीनरी के साथ मौके पर मौजूद है जबकि आईटीबीपी और सेना दुर्गम क्षेत्रों में फंसे लोगों तक पहुंचने की कोशिश में लगी हैं।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने बताया कि प्राथमिक राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है। आसपास के गांवों को सतर्क कर दिया गया है, ताकि कोई और जनहानि न हो। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया है।
यह घटना उत्तराखंड में मानसून के कहर की एक और त्रासद तस्वीर बनकर सामने आई है, जिसने फिर साबित किया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाएं कितनी घातक हो सकती हैं।

