



भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के सांसद कुलदीप इंदौरा ने सरकार के उस बेतुके दावे की कड़ी निंदा की है, जिसमें सरकार ने संसद में कहा है कि कोई भी वैज्ञानिक अध्ययन यह साबित नहीं करता कि रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग और प्रदूषित पेयजल के कारण कैंसर, किडनी रोग या फेफड़ों की बीमारी में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।’ इंदौरा ने कहा कि यह सरकार का बयान देश के उन लाखों लोगों के साथ एक क्रूर मजाक है जो प्रदूषित जल के कारण कैंसर, किडनी और फेफड़ों की गंभीर बीमारियों से जूझते हुए असमय मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। इंदौरा ने संसद में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में दूषित पेयजल से होने वाली रोगों के मुद्दे को उठाते हुए सरकार से पूछा था कि क्या सरकार को श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ क्षेत्र में नहरी जल प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी है। सरकार के जवाब में जल शक्ति मंत्रालय ने जो दावा किया है, वह न केवल विज्ञान के विरुद्ध है, बल्कि दशकों के चिकित्सा शोध के खिलाफ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय प्रदूषित जल से होने वाली बीमारियों के लिए व्यापक साक्ष्य प्रदान कर चुका है।

सांसद इंदौरा ने स्पष्ट किया कि श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ क्षेत्र के लोग नहरों के माध्यम से आने वाले बेहद ही दूषित पानी का प्रयोग सिंचाई एवं पेयजल के लिए करने को मजबूर है। इस क्षेत्र में कैंसर, किडनी रोग और अन्य जल-जनित बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार के पास यदि कोई डेटा नहीं है, तो यह सरकार की विफलता है, न कि प्रदूषण एवं उससे होने वाले बीमारी का अस्तित्व न होने का सबूत। क्षेत्र के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में किडनी डायलिसिस पर निर्भर रोगियों की बढ़ती संख्या, कैंसर उपचार केंद्रों में लगातार बढ़ते मरीज और गांव-गांव में समय से पहले मौतें स्वयं इस भयावह स्थिति की गवाही देती हैं।

सांसद कुलदीप इंदौरा ने बताया कि आईसीएमआर के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के अंतर्गत बीकानेर संभाग में वर्षों से कैंसर के मामलों की उच्च दर दर्ज की जाती रही है, जिसमें श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ क्षेत्र भी शामिल है। इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा यह कहकर पल्ला झाड़ लेना कि ‘कोई अध्ययन उपलब्ध नहीं है’, दरअसल अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास है। अध्ययन नहीं होने का अर्थ समस्या का न होना नहीं, बल्कि सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।

सांसद कुलदीप इंदोरा ने सरकार से मांग की है कि इन जिलों में प्रदूषित जल और बीमारियों के बीच संबंध की स्वतंत्र एवं वैज्ञानिक जांच कराई जाए, शुद्ध पेयजल की सुनिश्चित आपूर्ति की जाए, और कैंसर व किडनी जैसी घातक बीमारियों से पीड़ित गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए विशेष उपचार एवं आर्थिक सहायता योजना लागू की जाए। उन्होंने कहा कि विकास के दावे तब खोखले लगते हैं, जब नागरिकों को पीने का सुरक्षित पानी तक नसीब न हो। सरकार यदि सचमुच जनस्वास्थ्य को लेकर गंभीर है, तो उसे आंकड़ों और फाइलों से बाहर निकलकर श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ की ज़मीनी हकीकत को स्वीकार करना होगा।




