वीकली टॉक: मोदी के जुमलों से जनता ऊब चुकी है: दादरी

भटनेर पोस्ट ब्यूरो.

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी कुशल संगठक माने जाते हैं। पार्टी ने दूसरी बार उन्हें कमान सौंपी है। दादरी का जिलाध्यक्ष बनना कांग्रेस के लिए शुभ माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव में पार्टी को पांच में तीन सीटों पर कामयाबी मिली। लेकिन अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाने से संगठनात्मक गतिविधियां प्रभावित हो रही है। ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ के साथ बातचीत में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी ने विभिन्न मसलों पर अपनी बात रखी। प्रस्तुत है संपादित अंश….

कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव परिणाम कैसा रहेगा ?
-देश की बात करें तो बेहद अच्छा रहेगा परिणाम। जहां तक राजस्थान की बात है तो यह तय है कि इस बार बीजेपी से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस विजयी होगी। लोग बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुमलों से ऊब चुके हैं। महंगाई व बेरोजगारी से हर कोई त्रस्त है। ऐसे में लोगों ने मोदी को सबक सिखाने का प्रण ले लिया है।

चूरू और श्रीगंगानगर क्षेत्र में भीतरघात जैसी बातें हो रही हैं। आप क्या कहते हैं ?
-कांग्रेस में भीतरघात जैसी कोई बात नहीं है। चूरू में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता राहुल कस्वां के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट रहे। प्रत्येक कार्यकर्ता जोश और उत्साह से डटा रहा। राहुल कस्वां ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। इसलिए सब उनके साथ रहे। यही स्थिति श्रीगंगानगर क्षेत्र में थी। कुलदीप इंदौरा के पक्ष में किसानों, युवाओं और प्रत्येक वर्ग का समर्थन दिखा। सभी कांग्रेसजन एकजुट दिखे। हनुमानगढ़ जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी। हां, बीजेपी प्रत्याशियों के साथ भीतरघात हुई है। इसका प्रमाण चुनाव परिणाम आने पर मिल जाएगा।

आपकी टीम कब तक बनेगी ?
-जिला कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की सूची हमने सितंबर महीने में भेज दी थी। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए। इसके बाद विधानसभा वाइज कुछ स्थानीय समीकरण भी बदले हैं। फिर लोकसभा चुनाव आ गया। हमें लगता है, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जिला कांग्रेस कमेटी की टीम बन जाएगी।

हनुमानगढ़ नगरपरिषद में बीजेपी का बोर्ड बन गया। अधिकांश कांग्रेसी पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए। क्या कहते हैं ?
-शहर की राजनीति में परिस्थितियां बदल गई हैं। पार्टी ने गणेशराज बंसल को चेयरमैन बनाया था। बाद में वे कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय चुनाव मैदान में आए और जीत गए। अब विधायक हैं। पार्षदों के साथ उनका अलग संबंध है। इस मसले पर मैं ज्यादा कुछ कहना नहीं चाहता।

चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ वोट मांगने वालों पर क्या कार्रवाई हुई ?

देखिए…। इस पूरे हालात पर पार्टी आलाकमान की नजर रही है। चुनाव के दौरान से बाद में भी किसी प्रत्याशी ने किसी व्यक्ति विशेष की शिकायत नहीं की। न ही ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की तरफ से किसी के खिलाफ रिपोर्ट आई। ऐसे में हम किसी पर क्या कार्रवाई करेंगे। सच तो यह है कि हम कैसे कह सकते हैं कि अमुक नेता ने कांग्रेस के खिलाफ काम किया। मुझे लगता है, इस मसले पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा।

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