


भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम उठाते हुए एसएस ब्लोकेम प्राइवेट लिमिटेड हनुमानगढ़ और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से वन महोत्सव के तहत 4000 पौधे रोपित किए गए। यह महत्त्वपूर्ण अभियान जिले के कोहला क्षेत्र स्थित कोहला फार्म में संपन्न हुआ, जिसमें उद्योगपति शिवरतन खड़गावत और गौरव खड़गावत ने स्वयं भाग लेकर पौधरोपण किया और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का परिचय दिया।
इस वृक्षारोपण अभियान के तहत कुल 4000 पौधे लगाए गए, जिनमें 2000 शहतूत और 2000 सहजन के पौधे शामिल हैं। दोनों प्रजातियों को औषधीय गुणों और पर्यावरणीय संतुलन में उनकी उपयोगिता को देखते हुए चुना गया। इसमें व्यावहारिक पहलुओं का भी विशेष ध्यान रखा गया। पौधों की खरीद के लिए एसएस ब्लोकेम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोहला स्थित आदर्श नर्सरी को कुल दो लाख रुपए का भुगतान किया गया, जो इस अभियान की गंभीरता और पारदर्शिता को दर्शाता है।
उद्योगपति गौरव खड़गावत ने ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं कि पौधारोपण केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। बदलते मौसम, बढ़ते प्रदूषण और घटते भूजल स्तर को देखते हुए पौधरोपण आज की सबसे बड़ी ज़रूरत बन चुका है। हमने यह संकल्प लिया है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए हर साल इस प्रकार के अभियानों को गति दी जाएगी।
गौरव खड़गावत ने बताया कि कुल 4000 पौधों में से 2000 पौधे उनकी टीम द्वारा स्वयं लगाए गए हैं। शेष 2000 पौधों को विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक और स्वयंसेवी संस्थाओं को वितरित किया गया है, ताकि वे इन्हें अपने-अपने परिसरों, सार्वजनिक स्थलों और गांवों में रोपित करें तथा उनकी नियमित देखभाल भी सुनिश्चित करें। यह सुनिश्चित किया गया है कि संस्थाएं पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी भी लेंगी ताकि यह अभियान केवल पौधरोपण तक सीमित न रह जाए, बल्कि पौधों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी ठोस परिणाम सामने आएं।
वन विभाग के अधिकारियों ने भी इस अवसर पर आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यदि हर औद्योगिक इकाई और निजी संस्था इस प्रकार की पहल करे तो न केवल हरियाली बढ़ेगी बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन को भी काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वन महोत्सव केवल एक सप्ताह तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह एक निरंतर चलने वाला जनांदोलन बनना चाहिए।
इस पौधरोपण अभियान से यह स्पष्ट होता है कि यदि निजी क्षेत्र, सरकारी तंत्र और सामाजिक संस्थाएं मिलकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करें तो भविष्य में एक हरित और स्वच्छ भारत का सपना साकार किया जा सकता है। एसएस ब्लोकेम प्राइवेट लिमिटेड की यह पहल निश्चित ही अन्य उद्यमों के लिए प्रेरणा बन सकती है।
