




डॉ. एमपी शर्मा.
शराब को कभी उत्सव और आनंद का प्रतीक माना गया, तो कभी तनाव व दुख से मुक्ति पाने का साधन। लेकिन जब शराब की आदत लत में बदल जाती है, तो यह न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य, बल्कि उसके परिवार, समाज और संपूर्ण जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। शराब की लत व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से कमजोर बना देती है। कई लोग शराब का सेवन महज शौक के रूप में शुरू करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन जाती है। शराब की लत लगने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मसलन, आधुनिक जीवनशैली में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, असफलता, नौकरी की समस्याएँ, पारिवारिक कलह, या निजी जीवन में संघर्ष जैसे कारणों से कई लोग शराब का सहारा लेने लगते हैं। कई बार दोस्तों, सहकर्मियों या परिवार के सदस्यों के बीच शराब पीने की संस्कृति मौजूद होती है। जब कोई व्यक्ति बार-बार ऐसे माहौल में रहता है, तो वह भी शराब पीने की आदत अपना सकता है। विशेषकर युवाओं में शराब के प्रति एक अलग तरह की जिज्ञासा होती है। वे इसे आधुनिकता या स्टेटस सिंबल मानकर आजमाते हैं, लेकिन यह धीरे-धीरे उनकी आदत बन सकती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, यदि परिवार में पहले से किसी को शराब की लत रही हो, तो उनके बच्चों में भी इसकी संभावना अधिक होती है। लत लगने का एक बड़ा कारण है कि आजकल शराब कई जगहों पर आसानी से उपलब्ध है। इसे खरीदने के लिए अधिक बाधाएँ नहीं हैं, जिससे लोग इसे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और धीरे-धीरे इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं।

बहुत बुरा है सुरा का सेवन
शराब पीने से होने वाले दुष्परिणाम बहुआयामी होते हैं। यह न केवल व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक सेहत को प्रभावित करती है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी नुकसान पहुँचाती है। अत्यधिक शराब के सेवन से लिवर सिरोसिस और अन्य गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। शराब के कारण हाई ब्लड प्रेशर, हृदय गति की अनियमितता और दिल की बीमारियाँ हो सकती हैं। लगातार शराब पीने से याद्दाश्त कमजोर हो जाती है और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। शराब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है, जिससे व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है। शराब पीने से शुरू में हल्का आनंद महसूस हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे यह अवसाद और मानसिक तनाव को बढ़ा सकती है। शराब की लत के कारण व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक और असहिष्णु हो सकता है, जिससे पारिवारिक और सामाजिक जीवन प्रभावित होता है। शराब की लत के कारण परिवार में कलह, झगड़े और घरेलू हिंसा की घटनाएँ बढ़ जाती हैं। शराब की लत से व्यक्ति अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा शराब पर खर्च करने लगता है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। शराब की लत के कारण व्यक्ति की समाज में छवि खराब हो सकती है और उसे तिरस्कार का सामना करना पड़ सकता है।
शराब छोड़ने के उपाय
शराब की लत से छुटकारा पाना कठिन हो सकता है, लेकिन सही प्रयासों और इच्छाशक्ति से इसे संभव बनाया जा सकता है। नीचे कुछ प्रभावी उपाय दिए गए हैं।
मानसिक संकल्प और आत्मनियंत्रण: सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम यह है कि व्यक्ति को खुद यह समझना होगा कि शराब उसकी ज़िंदगी को बर्बाद कर रही है। जब तक व्यक्ति स्वयं इसे छोड़ने का दृढ़ निश्चय नहीं करेगा, तब तक किसी भी उपाय से लाभ नहीं मिलेगा। परिवार और मित्रों का सहयोग बहुत आवश्यक होता है। वे व्यक्ति को समझा सकते हैं, उसे सही राह दिखा सकते हैं और उसकी भावनात्मक रूप से मदद कर सकते हैं। पेशेवर मनोचिकित्सकों और परामर्शदाताओं से परामर्श लेकर शराब छोड़ने में मदद मिल सकती है। कुछ मामलों में डॉक्टर दवाओं और विशेष उपचार के जरिए शराब की आदत को छुड़ाने में सहायता करते हैं। योग और ध्यान व्यक्ति की मानसिक शक्ति को बढ़ाते हैं और उसे आत्मनियंत्रण करने में सहायता करते हैं। प्राणायाम और योगासन करने से व्यक्ति का तनाव कम होता है और वह शराब की लत से दूर रहने में सक्षम हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति शराब छोड़ना चाहता है, तो उसे उन स्थानों और लोगों से दूरी बनानी चाहिए जो उसे शराब पीने के लिए प्रेरित करते हैं। व्यक्ति को अपनी ऊर्जा को किसी रचनात्मक गतिविधि, जैसे-पढ़ाई, लेखन, खेल, संगीत, या सामाजिक कार्यों में लगाना चाहिए। इससे उसका ध्यान शराब से हटकर बेहतर कार्यों में लगेगा। स्वस्थ खानपान, पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम और सकारात्मक सोच व्यक्ति को शराब से दूर रहने में मदद कर सकती है।
अंततः सार यह है कि शराब की लत एक गंभीर समस्या है, लेकिन इससे छुटकारा पाया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि व्यक्ति स्वयं इस लत को छोड़ने का संकल्प ले और सही दिशा में प्रयास करे। परिवार, मित्र, चिकित्सा सहायता, योग और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस बुरी आदत से मुक्ति पाई जा सकती है। यदि हम अपने जीवन को खुशहाल और स्वस्थ बनाना चाहते हैं, तो शराब जैसी लतों को छोड़कर एक नई दिशा में आगे बढ़ना आवश्यक है। आत्मनियंत्रण और आत्मविश्वास से हर व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकता है।
-लेखक इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष और जाने-माने सर्जन हैं


