बच्चों से मुखातिब हुए बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा, जानिए…. क्या दीं नसीहत ?

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भटनेर पोस्ट साहित्य डेस्क.
हनुमानगढ़ जिले के पक्का भादवां गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में वरिष्ठ बाल साहित्यकार एवं बाल साहित्य मनीषी दीनदयाल शर्मा को साहित्य की उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र कुमार डाल, दलीप कुमार, संदीप गोदारा, छगनलाल एवं ममता गोदारा सहित पूरे स्टाफ ने माला पहनाकर एवं साफा पहनाकर, स्मृति चिन्ह भेंट करके और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर शर्मा ने विद्यालय के सभी बच्चों और स्टाफ के समक्ष अपनी हिन्दी की अनेक बाल कविताओं का एकल पाठ किया। यथा-नानी, अकड़, पेड़, क्यों?, पेड़ की प्रार्थना, चालाक चूहा, पढ़ाई, मेरी नानी, किताब आदि कविताओं का बच्चों और विद्यालय स्टाफ ने लुत्फ उठाया।
इस अवसर पर दीनदयाल शर्मा ने जिले में चल रहे नशा विरोधी मानस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को नशे की लत से दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप अपने जन्मदिन पर एक पौधा जरूर लगाएं और समय-समय पर उसकी देखभाल भी करें। उन्होंने कहा कि आप नियमित रूप से दैनिक अखबार का अध्ययन करें। चूंकि जितनी भी प्रतियोगी परिक्षाएं आयोजित की जाती हैं उनमें से चालीस प्रतिशत सवाल अखबारों से ही आते हैं। मोबाइल अधिक चलाने की बजाय उन्होंने पुस्तकें अधिक से अधिक पढऩे पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुस्तकों से हमें अधिक से अधिक ज्ञान मिलता है और ज्ञान हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। यह ऐसी पूंजी है, जिसे कोई नहीं छीन सकता। इस अवसर पर दीनदयाल शर्मा ने विद्यालय के पुस्तकालय के लिए इक्यावन सौ रुपये की अपनी साहित्यिक पुस्तकें भेंट में दी। कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्य राजेन्द्र कुमार डाल ने दीनदयाल शर्मा के एकल काव्य पाठ एवं विद्यालय को साहित्यिक पुस्तकें भेंट में देने पर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का मंच संचालन शिक्षक दलीप कुमार ने किया।

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