जब रामधुन में सराबोर हो उठा हावड़ा

भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क.
हावड़ा. जब प्रभु श्रीराम का नाम गूंजे, तो स्वयं हवा में भी श्रद्धा की सरगम बहने लगती है। कुछ ऐसा ही दृश्य था हावड़ा के दानेर, शेख लेन में, जहाँ ‘राम नवमी कमेटी’ की ओर से आयोजित राम जन्मोत्सव समारोह में श्रद्धालु भक्ति में सराबोर हो गए। सुबह की पहली किरण के साथ ही जैसे पूरा मोहल्ला जागा, वेद मंत्रों की गूंज, धूप और फूलों की महक, और मंदिर से आती घंटियों की मधुर ध्वनि ने मानो एक अलग ही लोक का निर्माण कर दिया हो। पंडितों के सस्वर उच्चारण से वातावरण पवित्र हो उठा।
भक्ति का मुख्य रंग चढ़ा जब अहीर भैरव स्कूल की सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ गोपा चटर्जी अपनी टीम के साथ मंच पर आईं। डेढ़ घंटे तक उन्होंने रामलला की महिमा का ऐसा मधुर गान किया कि श्रोता मन्त्रमुग्ध हो गए। ‘राम नाम का अनुपम रस’, ‘सीता-राम की आरती’, और ‘पवनसुत के गुणगान’ जैसे भजन हर किसी की आत्मा तक छू गए।
कार्यक्रम की विशेष बात रही, जब गोपा चटर्जी ने दर्शकों में बंगला और हिन्दी भाषा में हनुमान चालीसा की पुस्तकें वितरित कीं। यह मात्र एक उपहार नहीं, बल्कि आस्था की सौगात थी। जैसे ही कार्यक्रम के अंतिम चरण में मंच से हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ आरंभ हुआ, पूरा पंडाल भक्तिरस में डूब गया। करतल ध्वनि, सहगान और जयकारों से ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं राम-हनुमान आशीर्वाद देने पधार आए हों।
इस पुण्य अवसर पर राज्यसभा सदस्य और प्रखर वक्ता समिक भट्टाचार्य विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने गोपा चटर्जी को मंच पर उत्तरीय ओढ़ाकर सम्मानित किया और इस अलौकिक प्रस्तुति के लिए सराहना की। समारोह के समापन पर सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किया गया। श्रद्धा, संगीत और सेवा की त्रिवेणी से सजा यह आयोजन न केवल भक्ति का पर्व था, बल्कि सामूहिक चेतना और सांस्कृतिक समरसता का अनुपम उदाहरण भी। रामधुन से झूमता हावड़ा इस आयोजन को लंबे समय तक याद रखेगा, एक ऐसा दिन जब शेख लेन राममय हो उठा।

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