




भटनेर पोस्ट डेस्क.
बाल दिवस के अवसर पर हनुमानगढ़ जिले में बच्चों की शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास को समर्पित एक सराहनीय पहल देखने को मिली। स्वयंसेवी संस्था राही सोशल वेलफेयर सोसायटी, हनुमानगढ़ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों तक पहुँचकर बाल दिवस को सार्थक रूप दिया। संस्था के अध्यक्ष योगेश कुमावत और सचिव जितेंद्र छापोला के नेतृत्व में लखवीर सिंह, योगेश सुथार सहित कई सदस्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 22 एजी (रावतसर) पहुंचे, जहां उन्होंने प्राइमरी सेक्शन के बच्चों को खेल-खेल में सीखने वाली शिक्षण सामग्री वितरित की।

अध्यक्ष योगेेश कुमावत ने बताया कि आज के दौर में बच्चों का मोबाइल फोन और टेलीविजन पर बढ़ता निर्भर होना एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। इसी को ध्यान में रखते हुए राही सोशल वेलफेयर सोसायटी ने बाल दिवस पर ऐसी शिक्षण सामग्री प्रदान करने का निर्णय लिया, जो बच्चों की जिज्ञासा बढ़ाए, हाथों से काम करने की सीख दे और उन्हें स्क्रीन से दूर रखकर रचनात्मक गतिविधियों की ओर प्रेरित करे। संस्था का उद्देश्य सिर्फ सामग्री देना नहीं, बल्कि ग्रामीण और जरूरतमंद बच्चों तक उन साधनों को पहुँचाना है, जिनसे उनकी शिक्षा न केवल सरल हो, बल्कि आनंददायक भी बने।

विद्यालय पहुंचने पर संस्था के सदस्यों का विद्यार्थियों और विद्यालय प्रबंधन ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया। प्राइमरी कक्षाओं में अध्ययनरत बच्चों के चेहरों पर सामग्री प्राप्त करते समय जो उत्साह झलका, वह अपने आप में यह साबित करने के लिए पर्याप्त था कि इस तरह की पहलें बच्चों के भीतर नई ऊर्जा पैदा करती हैं। बच्चे एक-एक वस्तु को हाथ में लेकर उसकी उपयोगिता समझने का प्रयास कर रहे थे और शिक्षक उन्हें इनके माध्यम से सीखने के अलग-अलग तरीके समझा रहे थे।

प्रधानाचार्य विजयपाल ने राही फाउंडेशन हनुमानगढ़ की इस पहल की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर ऐसे संसाधनों की कमी रहती है जो बच्चों को व्यावहारिक और रुचिकर शिक्षा प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा दी गई सामग्री विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। प्रधानाचार्य ने विद्यालय परिवार की ओर से सोसायटी के पदाधिकारियों और उपस्थित सदस्यों का हृदय से आभार जताया और उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इस तरह की गतिविधियाँ बच्चों के हित में जारी रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होती। बच्चों को क्रियात्मक, प्रयोगात्मक और सहभागिता पर आधारित शिक्षा मिले, तो वे अधिक तेजी और खुशी के साथ सीख पाते हैं। इस पहल ने बाल दिवस को बच्चों की वास्तविक जरूरतों से जोड़ते हुए उसे एक सार्थक संदेश दिया है।

सचिव जितेंद्र छापोला ने बताया कि राही सोशल वेलफेयर सोसायटी पिछले लंबे समय से सामाजिक कार्य, जनजागरूकता कार्यक्रमों और शिक्षा-संबंधी पहलों में सक्रिय रही है। समाज में बदलाव लाने का सबसे प्रभावी माध्यम बच्चों की शिक्षा है। यदि नन्हें बच्चों को सही दिशा और सही साधन समय पर मिल जाएं, तो वे भविष्य में अपने साथ-साथ पूरे समाज के विकास का आधार बन सकते हैं। संस्था के पदाधिकारियों ने बच्चों को मन लगाकर पढ़ने, मोबाइल से दूरी बनाने और हर दिन कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने भी उत्साहपूर्वक उनसे बातचीत की और शिक्षण सामग्री का सही उपयोग करने का वादा किया।



