


भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
हनुमानगढ़ जिले के नोहर विधानसभा क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई है। क्षेत्र में भाजपा बनाम कांग्रेस का संघर्ष अब सीधा और तीखा होता जा रहा है। ताजा मामला भाजपा नेत्री मेहरू निशा टाक के तीखे आरोपों के बाद गरमा गया है। उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत में फतेह मोहम्मद नामक व्यक्ति को ‘आपराधिक छवि का भूमाफिया’ करार देते हुए कांग्रेस नेता राजेंद्र चाचाण और उनके पुत्र, वर्तमान विधायक अमित चाचाण पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मेहरू निशा टाक ने फतेह मोहम्मद को थाने में नामजद, हिस्ट्रीशीटर और भूमाफिया बताया और कहा कि ऐसे व्यक्ति को संरक्षण देना किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए शोभनीय नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि कांग्रेस नेता फतेह मोहम्मद जैसे तत्वों से दूरी नहीं बनाते, तो नोहर की जनता सड़कों पर उतर कर लोकतांत्रिक आंदोलन विधायक और उनके पिता को बेनकाब करेगी।
भाजपा नेत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चाचाण को व्यक्तिगत रूप से “अच्छा इंसान” बताते हुए यह भी जोड़ा कि यदि वे ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को संरक्षण देते रहे, तो उनकी दशकों में बनी प्रतिष्ठा को आघात पहुँच सकता है।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि मेहरू निशा टाक का यह हमला केवल व्यक्तिगत आरोपों तक सीमित नहीं है। यह भाजपा की व्यापक रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है, जिसके तहत पार्टी कांग्रेस शासन पर गुंडा तत्वों को संरक्षण देने और कानून व्यवस्था को ध्वस्त करने के आरोप लगाकर जनता में विश्वास कायम करने की कोशिश कर रही है। नोहर में यह विवाद ऐसे समय पर उभरा है जब राज्य में आगामी पंचायत व निकाय चुनावों की सरगर्मियाँ भी बढ़ रही हैं और भाजपा हर मोर्चे पर कांग्रेस को घेरने की रणनीति बना रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा अगर सड़कों पर आ गया, तो यह नोहर में भाजपा के लिए राजनीतिक आधार मजबूत करने का अवसर बन सकता है। खासकर अगर कांग्रेस इस पर स्पष्ट और ठोस प्रतिक्रिया नहीं देती, तो भाजपा इसे ‘जनहित बनाम अपराधियों का संरक्षण’ की कहानी के रूप में पेश कर सकती है। वहीं, कांग्रेस को अपने आंतरिक गुटीय संतुलन को संभालते हुए जनमानस में भरोसा बनाए रखने की बड़ी चुनौती है।
नोहर की यह लड़ाई अब केवल ज़मीन या एक व्यक्ति विशेष की छवि तक सीमित नहीं रह गई है। यह मुद्दा एक राजनीतिक मोर्चाबंदी बनता जा रहा है, जिसमें दोनों प्रमुख दलों की साख दांव पर है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस बचाव में कौन सी रणनीति अपनाती है और भाजपा इसे किस तरह आगे बढ़ाती है। भाजपा बनाम कांग्रेस की यह लड़ाई नोहर की धरती पर अब आर-पार की शक्ल लेने को तैयार है।
