






भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
बांसवाड़ा की आदिवासी भूमि 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से गूंज उठी। नापला में हुई इस सभा में मोदी ने एक ओर कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए तो दूसरी ओर भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने का आह्वान भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही कांग्रेस को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में लूट ही लूट थी, जबकि भाजपा सरकार में बचत ही बचत है। उन्होंने राजस्थान के हालात गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस राज में राज्य पेपरलीक का अड्डा बन चुका था। जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया था। महिलाओं पर अत्याचार चरम पर थे और बलात्कारियों को संरक्षण दिया जा रहा था। अवैध शराब का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा था। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान को जो जख्म दिए, उन्हें भरने का काम भाजपा सरकार कर रही है।
मोदी ने महंगाई और टैक्स की तुलना करते हुए कांग्रेस पर जनता को लूटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस सरकार 100 रुपए की खरीद पर 31 रुपए टैक्स वसूलती थी। 2017 तक वही सामान 118 रुपए में मिलने लगा। लेकिन जीएसटी सुधार के बाद अब वही सामान 105 रुपए में आ रहा है। यानी कांग्रेस की तुलना में 26 रुपए की बचत। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में 500 रुपए का जूता 575 रुपए में मिलता था, जबकि आज हालात बदल गए हैं। मोदी ने इसे ‘जीएसटी बचत उत्सव’ बताया और दावा किया कि रसोई का खर्च भी कम हुआ है।

सभा में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की चर्चा करते हुए स्वदेशी का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘हम जो भी खरीदेंगे, स्वदेशी खरीदेंगे। दुकानदार से पूछेंगे कि यह सामान स्वदेशी है या नहीं।’
मोदी ने स्वदेशी की परिभाषा स्पष्ट करते हुए कहा कि चाहे कंपनी और ब्रांड किसी भी देश का हो, लेकिन वह वस्तु भारत में बनी हो, भारतीय नौजवानों की मेहनत और देश की मिट्टी की महक से जुड़ी हो, वही स्वदेशी है। उन्होंने दुकानदारों से अपील की कि वे बोर्ड लगाएँ, गर्व से कहो, ये स्वदेशी है।

मोदी ने कांग्रेस के समय की दुर्दशा का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस राज में बिजली आना ही न्यूज होती थी। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 तक देश में ढाई करोड़ घर ऐसे थे जहां बिजली का कनेक्शन तक नहीं था। गांवों में पोल तक नहीं लगाए गए थे। ग्रामीणों के बीच यह मजाक चलता था कि बिजली का जाना खबर नहीं थी, आना खबर हुआ करती थी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने इस स्थिति को बदला और अब देश बिजली की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

मोदी ने बांसवाड़ा से राजस्थान की 1 लाख 22 हजार 670 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसमें 42 हजार करोड़ की लागत से बनने वाली 2800 मेगावाट की माही-बांसवाड़ा परमाणु विद्युत परियोजना शामिल है।
कार्यक्रम में प्रतीकात्मक रूप से दो युवाओं को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र दिए गए। इसके साथ ही 15 हजार युवाओं को अलग-अलग विभागों और संगठनों में चयनित होने पर जॉइनिंग लेटर भी सौंपे गए। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने जोधपुर और बीकानेर से दिल्ली कैंट तक चलने वाली दो नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।

मोदी ने भाषण की शुरुआत में आदिवासी संस्कृति और स्थानीय परंपरा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माही का पानी हमारे आदिवासी भाइयों-बहनों के संघर्ष और जीवटता का प्रतीक है। उन्होंने मां त्रिपुरा सुंदरी और मां माही को नमन किया तथा महाराणा प्रताप और भील समाज की वीरता का उल्लेख करते हुए उन्हें साधना और शौर्य की धरती का प्रतिनिधि बताया।

सभा में एक दिलचस्प सियासी दृश्य भी सामने आया। मोदी ने मंच पर मौजूद सभी नेताओं का अभिवादन किया। उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से रुककर बातचीत की। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और डिप्टी सीएम दीया कुमारी का भी अभिवादन किया और उनसे संक्षिप्त बातचीत की। यह बातचीत भले ही औपचारिक रही, लेकिन सियासी गलियारों में इसे लेकर चर्चाएं जरूर छिड़ गईं।

सभा में मोदी के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, दोनों डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, मंत्री बाबूलाल खराड़ी सहित कई नेता मौजूद रहे। मोदी को मंच पर पहुंचने से पहले मंत्री और विधायकों ने तीर-कमान भेंट कर परंपरागत सम्मान दिया।

बांसवाड़ा की यह सभा भाजपा के लिए केवल एक सियासी मंच नहीं थी, बल्कि एक व्यापक सियासी संदेश देने का अवसर भी। मोदी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार, पेपरलीक और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर कठघरे में खड़ा किया, वहीं भाजपा शासन को बचत, विकास और स्वदेशी की राह पर चलते दिखाने की कोशिश की। हालांकि यह भी सच है कि महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याएं अब भी जनता के लिए बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। ऐसे में भाजपा का यह दावा कि हर मोर्चे पर राहत दी गई है, विपक्ष द्वारा सवालों के घेरे में रहेगा। फिर भी, 1.22 लाख करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास, वंदे भारत ट्रेनों की सौगात और स्वदेशी का मंत्र, ये सभी बातें इस सभा को खास बनाती हैं। कुल मिलाकर, बांसवाड़ा की यह सभा कांग्रेस पर आक्रामक हमले, विकास की घोषणाओं और सियासी संदेशों का संगम रही।


