





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
आज के दौर में मानसिक स्वास्थ्य समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन चुका है। भागदौड़ भरी जिंदगी, सोशल मीडिया का दबाव, नशे की प्रवृत्ति, पारिवारिक कलह, और रोजगार संबंधी असुरक्षा जैसे कारणों से तनाव, अवसाद और चिंता के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में समस्या और गंभीर है क्योंकि वहाँ जागरूकता व विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी रहती है। ऐसे में निष्काम फाउंडेशन की ओर से मानसिक स्वास्थ्य शिविर का महत्व भी बढ़ता जा रहा है।

सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सुधार अभियान के तहत निष्काम फाउंडेशन संगरिया एवं सहयोगी संस्थाओं की ओर से 202वां निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श शिविर संत आश्रम जोहड़ी फकीरांवाली, नाथवाना रोड संगरिया में आयोजित किया गया। शिविर शिक्षा संत स्वामी केशवानंद की पुण्यतिथि पर उनके स्मृति-चैरिटेबल ट्रस्ट के वित्तीय सहयोग से हुआ। इसमें करीब 245 से अधिक मरीजों को लाभान्वित किया गया।

उद्घाटन अवसर पर ट्रस्टी राकेश ढाका ने कहा कि स्वामी केशवानंद ने जीवन पर्यंत शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए संघर्ष किया। उनके संस्कार आज डॉ. धनेश गुप्ता जैसे लोगों के माध्यम से समाज की सेवा में जीवित हैं।

संयोजक महावीर गोस्वामी के मुताबिक, शिविर में सिंगापुर से आए वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. धनेश कुमार गुप्ता, राजकीय मेडिकल कॉलेज बाड़मेर के डॉ. गिरीश चन्द्र बनिया और हनुमानगढ़ के डॉ. विजय चौरोरिया ने 245 मरीजों को परामर्श दिया।
निष्काम फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. धनेश गुप्ता ने बताया कि फाउंडेशन अब तक 200 से अधिक निःशुल्क शिविर आयोजित कर चुका है। उद्देश्य सिर्फ मरीजों का इलाज करना नहीं बल्कि समाज को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारियों को लेकर समाज में फैली झिझक को तोड़ना और मरीजों को समय पर विशेषज्ञ इलाज उपलब्ध कराना सबसे बड़ी जरूरत है।

शिविर के दौरान आश्रम संचालक महंत माघोदास ने मरीजों के स्वास्थ्य लाभ की कामना की। वहीं ट्रस्ट के कार्यालय सहायक बलराम स्वामी ने डॉ. गुप्ता एवं उनकी टीम का आभार जताते हुए आमजन से फाउंडेशन के कार्यों में सहयोग की अपील की।
शिविर संचालन में निष्काम सेवा समिति संगरिया, अन्नपूर्णा सेवा समिति और मनुखता सेवा संस्था के सेवकों ने अहम भूमिका निभाई। इस तरह निष्काम फाउंडेशन ग्रामीण अंचलों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर न केवल इलाज उपलब्ध करवा रहा है, बल्कि समाज को एक बड़े बदलाव की ओर ले जाने का प्रयास कर रहा है।




