




भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान अब 2021 की जनगणना के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रदेश में तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। यह जनगणना कई मायनों में ऐतिहासिक साबित होने जा रही है, क्योंकि पहली बार देशभर में इसे पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस रूप में किया जाएगा। राज्य सरकार और जनगणना निदेशालय ने इस परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार की जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। परंपरागत कागजी दस्तावेजों की जगह अब मोबाइल एप और टैबलेट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य के हर प्रगणक के हाथ में एक मोबाइल एप होगा, जिसके जरिए वे घर-घर जाकर परिवारों की जानकारी एकत्र करेंगे। खास बात यह है कि लोगों को भी पहली बार खुद अपनी जानकारी ऑनलाइन भरने का विकल्प मिलेगा। इसके लिए जनगणना विभाग ने एक विशेष स्व-गणना पोर्टल विकसित किया है।
जनगणना निदेशक बिष्णु चरण मल्लिक के अनुसार, नागरिक अब खुद भी जनगणना पोर्टल पर जाकर अपनी डिटेल भर सकेंगे। इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और तेज़ बनाने के लिए हर व्यक्ति को आधार और मोबाइल नंबर दर्ज करना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन की पुष्टि के बाद प्राप्त युनिक नंबर प्रगणक को बताया जाएगा, जिससे पता चल सकेगा कि संबंधित परिवार पहले से जनगणना में शामिल हो चुका है। इससे न केवल दोहराव रोका जा सकेगा, बल्कि प्रगणकों और नागरिकों दोनों का समय भी बचेगा।
नए जिले और बढ़ा हुआ भूगोल, बदली रणनीति
2011 की पिछली जनगणना के मुकाबले राजस्थान में इस बार काफी बदलाव सामने आए हैं। राज्य में 8 नए जिले बनाए गए हैं, वहीं 182 नई तहसीलें और 3608 नए राजस्व गांव जुड़ चुके हैं। इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए जनगणना निदेशालय को अपनी रणनीति में जरूरी परिवर्तन करने पड़े हैं। पहले प्रदेश में जिलों की संख्या 50 थी, जो पुनर्गठन के बाद घटकर 41 हो गई थी। अब नए जिलों के गठन से पुनः यह संख्या बढ़ी है। इसी के अनुरूप जनगणना की योजनाएं और संसाधनों का आवंटन भी नया रूप लिया है।
केंद्र से हरी झंडी का इंतज़ार
राज्य में जनगणना को लेकर पहले दौर की ट्रेनिंग पूरी कर ली गई है। इसमें राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर ग्राम स्तर के प्रगणकों तक को आधुनिक तकनीकों के उपयोग, एप संचालन और स्व-गणना प्रक्रिया की गहन जानकारी दी गई है। अधिकारी अब केंद्र सरकार से मिलने वाले अंतिम दिशा-निर्देशों और नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही यह जारी होगा, अगली चरण की ट्रेनिंग शुरू की जाएगी।
क्या बदलेगा इस बार की जनगणना में?
-पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया, मोबाइल एप और टैबलेट्स का इस्तेमाल
-नागरिकों को खुद जानकारी भरने का विकल्प, स्व-गणना पोर्टल
-आधार और मोबाइल नंबर अनिवार्य
-नया प्रशासनिक नक्शा, जिले, तहसीलें, गांव बढ़े
-पेपरलेस रिकॉर्डिंग से तेज़, सटीक और पर्यावरण के अनुकूल गणना
इसलिए खास होगी जनगणना
2021 की जनगणना राजस्थान ही नहीं, पूरे देश के लिए एक तकनीकी बदलाव की मिसाल बनने जा रही है। डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक अहम कदम होगा, जिसमें सरकारी नीतियों की योजना और संसाधनों के बेहतर आवंटन के लिए आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। अब देखना यह होगा कि आधुनिक तकनीकों की यह पहल कितनी सुचारु और प्रभावी रूप में ज़मीनी स्तर पर उतरती है।




