


भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
दिसंबर की ठिठुरन अब किताबों में नहीं, स्कूलों की दीवारों पर भी आधिकारिक रूप से चिपक गई है। प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 25 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी तक सर्दियों की लंबी छुट्टी घोषित हो चुकी है। बच्चों ने अभी से कंबल में घुसने की प्रैक्टिस शुरू कर दी है, और शिक्षकों ने गर्म चाय का स्टॉक बढ़ाना शुरू कर दिया है।
शिक्षा विभाग ने दिसंबर का कैलेंडर बड़े आराम से जारी किया, ‘महीने में 21 दिन स्कूल चलेंगे।’ बाकी दिन ठंड के हवाले। 25 दिसंबर से पहले रविवार छोड़ कोई छुट्टी नहीं, मानो विभाग कह रहा हो? भाई, पढ़ लो, ठंड तो बाद में भी पड़ेगी।’
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट का पुराना कैलेंडर भी यही कहता है कि छुट्टियां 25 दिसंबर से ही शुरू होंगी। पहले ये सिलसिला 31 दिसंबर तक चलता था, पर पिछले साल सर्दी ने ऐसी दाढ़ जमाई कि छुट्टियां सीधे 5 जनवरी तक बढ़ानी पड़ीं। इस बार भी वही नियम लागू, कंबल का साम्राज्य पांच दिन और बढ़ा।

कैलेंडर में थोड़ा हास्यास्पद मसाला भी है। लिखा है, अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 12 दिसंबर से। जबकि असलियत में तो बच्चे 20 नवंबर से ही सवालों और उत्तर पुस्तिकाओं से दो-दो हाथ कर रहे हैं। त्योहार भी छुट्टियों के भीतर समा गए हैं, 27 दिसंबर की गुरु गोविंद सिंह जयंती और 25 दिसंबर का क्रिसमस। मतलब स्कूल बंद, त्योहार बंद, बच्चे आउट ऑफ कवरेज।

स्टाफ ऑफिसर अशोक शर्मा ने साफ कर दिया, 15 दिसंबर से छुट्टियों वाला कोई नया आदेश नहीं आया है। वही पुराना लागू है, 25 दिसंबर से अवकाश।” अब इसकी आधिकारिक मुहर लग गई है कि 25 दिसंबर से स्कूलों की घंटी नहीं बजेगी, सिर्फ दांत कटकटाएंगे और रजाइयों में घुसकर बच्चे चैन की नींद लेंगे।




