नोहर नगरपालिका: करोड़ों की योजनाओं पर उठे सवाल

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मुकेश पारीक.
नगर पालिका नोहर में करोड़ों रुपये की विभिन्न विकास योजनाओं पर स्वायत्त शासन विभाग द्वारा अचानक रोक लगाए जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस रोक के बाद कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, जिससे पालिका की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। कांग्रेस खेमे के पार्षदों ने प्रेसवार्ता कर भाजपा शासित पालिका बोर्ड पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस पार्षद मुकेश मिश्रा, प्रदीप सेवग और राजकुमारी सैनी ने आरोप लगाया कि नगर पालिका द्वारा हाल ही में जारी की गई करोड़ों रुपये की निविदाएं जनहित की बजाय ‘धनहित’ को प्राथमिकता देती प्रतीत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि नगर पालिका की बैठकों में पार्षदों द्वारा पारित किए गए प्रस्तावों को बोर्ड की ओर से मनमर्जी से बदल दिया जा रहा है, जो न सिर्फ लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अवहेलना है, बल्कि पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है।


चारदीवारी की सच्चाई और सौंदर्यीकरण का सच
कांग्रेस पार्षदों ने खासतौर पर कस्बे के तीन प्रमुख पार्कों के सौंदर्यीकरण पर उठे खर्च को लेकर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने बताया कि इन तीनों पार्कों की चारदीवारी पहले से ही अच्छी स्थिति में है और हाल ही में लाखों रुपये खर्च कर इन पर सामाजिक जागरूकता से संबंधित पेंटिंग्स करवाई गई हैं। बावजूद इसके, अब इनकी चारदीवारी दोबारा निर्माण के लिए निविदा जारी की गई है, जिससे कार्य की मंशा पर संदेह गहराता है।
जोहड़ के सौंदर्यीकरण पर तकनीकी सवाल
जोहड़ सौंदर्यीकरण योजना पर भी कांग्रेस पार्षदों ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जोहड़ में पूरे कस्बे का बारिश का पानी एकत्र होता है, लेकिन पालिका ने सौंदर्यीकरण से पहले जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की है। ऐसे में भारी बारिश के दौरान यह सारा सौंदर्यीकरण व्यर्थ चला जाएगा। उन्होंने इस कार्य को जल्दबाजी में किया गया निर्णय बताते हुए तकनीकी दृष्टिकोण से अव्यवहारिक करार दिया।
‘खजाना खाली करने में जुटी है भाजपा बोर्ड’
पूर्व नगर पालिका बोर्ड द्वारा छोड़े गए कोष को लेकर भी कांग्रेस पार्षदों ने चिंता जताई। उनका कहना है कि भाजपा बोर्ड के कार्यकाल में नगर पालिका की वित्तीय स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। योजनाएं ऐसी बनाई जा रही हैं जिनमें दिखावे की चकाचौंध तो है, परंतु जनहित का दूर-दूर तक वास्ता नहीं है। पार्षदों ने कहा कि भाजपा बोर्ड पूर्ववर्ती खजाने को ‘बिना दूरगामी सोच’ के खर्च कर रहा है, जिससे भविष्य में जरूरी कार्यों के लिए संसाधनों की भारी कमी हो सकती है।
भ्रष्टाचार और राजनीतिक द्वंद्व की दस्तक
कांग्रेस पार्षदों ने यह भी दावा किया कि इन निविदाओं में भ्रष्टाचार के स्पष्ट संकेत हैं और इसी कारण स्वायत्त शासन विभाग ने कई योजनाओं पर रोक लगा दी है। साथ ही, कुछ कार्यों पर राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा भी रोक लगाई गई है, जो इस पूरे मामले को गंभीर बनाता है। उन्होंने भाजपा पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया, जहां एक ओर सरकार ‘जीरो टोलरेंस’ की बात करती है, वहीं जमीनी स्तर पर पालिका बोर्ड पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
जनता को भ्रमित करने का प्रयास: कांग्रेस
कांग्रेस पार्षदों ने भाजपा के पार्षदों पर झूठे प्रचार और भ्रम का वातावरण बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा की रणनीति जनता को भ्रमित कर झूठे विकास के दावे करने की है, जबकि असलियत यह है कि धरातल पर कोई ठोस कार्य नहीं हो रहा है। इसके समर्थन में उन्होंने पत्रकारों को तीनों पार्कों की वर्तमान स्थिति भी दिखाकर यह साबित करने का प्रयास किया कि सौंदर्यीकरण के नाम पर यह सब एक ष्कागजी विकासष् मात्र है। इस पूरे घटनाक्रम ने नोहर नगर पालिका की कार्यशैली, पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर एक व्यापक बहस छेड़ दी है। अब देखना यह होगा कि स्वायत्त शासन विभाग और उच्च न्यायालय की अगली कार्रवाइयों के बाद स्थिति क्या मोड़ लेती है, और क्या जनता को वाकई विकास के वास्तविक फल मिल पाएंगे या यह भी एक और राजनीतिक खेल बनकर रह जाएगा।

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