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पूरा देश अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की प्रतिमा विराजमान होने के अवसर पर राममय बना हुआ है। इस बीच, हनुमानगढ़ का एक युवक कड़ाके की ठण्ड में हनुमानगढ़ को नशा मुक्त करने की मांग को लेकर जन जागरूकता अभियान को गति देने में जुटा हुआ है। नागरिक सुरक्षा मंच के सचिव आशीष गौतम ने 12 जनवरी से अभियान की शुरुआत की। इसके तहत वे रोजाना चौक-चौराहों पर जाकर 19 मिनट मौन रखते हैं। ‘मौन’ के माध्यम से अपनी मांग को ‘मुखर’ बनाना उन्होंने महात्मा गांधी से सीखा है।
सामाजिक कार्यकर्ता ललित सोनी कहते हैं, ‘महात्मा गांधी ने अहिंसा को ताकतवर हथियार बनाया। अंग्रेजों को झुकना पड़ा। अफसोस की बात है कि आज हमारी चुनी हुई सरकारें हमारी समस्याओं को लेकर मौन हैं। हमारे वोटों से जनप्रतिनिधि बनते हैं लेकिन उन्हें हमारी कद्र नहीं। हनुमानगढ जिले में नशे की वजह से सैकड़ों परिवार बर्बाद हो गए। नशा मुक्ति केंद्रों पर भारी भरकम फीस नहीं चुकाने के कारण लोग अपने बच्चों को सुधारने का प्रयास तक नहीं कर पाते। सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं।’
इस बीच, नागरिक सुरक्षा मंच का काफिला जिला मुख्यालय पर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित जय सियाराम चौक पहुंचा। पूर्व जिला प्रमुख राजेंद्र मक्कासर भी अभियान की गंभीरता को महसूस करते हुए युवक आशीष गौतम को समर्थन देने पहुंचे। पूर्व जिला प्रमुख राजेंद्र मक्कासर कहते हैं, ‘ हमारे समाज का एक युवक इस समस्या की गंभीरता को महसूस करता है। मौसम की परवाह किए बिना संघर्ष कर रहा है। हम सबका दायित्व है, इस युवक को समर्थन दें।’
पूर्व पार्षद सौरभ शर्मा कहते हैं कि आशीष गौतम के नेतृत्व में चलाया गया अभियान प्रत्येक हनुमानगढ़ निवासी के हित के लिए है। इसमें जितने अधिक लोग जुड़ेंगे उतना ही प्रभावी यह आंदोलन होगा, इसीलिए आज हमने इनको यहां बुलाकर अपना समर्थन दिया है।
मंच के सदस्य और सामाजिक चिंतक जैनेंद्र कुमार झांब बोले-नागरिक सुरक्षा मंच लगातार जनता से जुड़े मुद्दे उठा रहा है। नशे के खिलाफ आज के समय में लड़ना बहुत बड़ी बात है, लेकिन यह अकेले आदमी के बस की बात नहीं है हम सभी को साथ आना ही होगा।’
इस मौके पर पवन शर्मा, हरीराम कड़वासरा, अजय शर्मा, गौरव कौशिक, अभिनव पारीक, ललित सोनी, विनेश सिंह भाटी, आकाश जोशी, मयंक कौशिक, मनीष अरोड़ा, निशांत अली आदि मौजूद थे। नागरिक सुरक्षा मंच सचिव आशीष गौतम ने कहाकि शहर की अलग-अलग संस्थाएं और बुद्धिजीवी उनके साथ इस मुहिम में जुड़ रहे हैं और अपना समर्थन अभियान को लगातार दे रहे हैं। यकीनन, इससे आंदोलन को मजबूती मिलेगी और सरकार हनुमानगढ़ में नशा मुक्ति केंद्र खोलने के लिए मजबूर होगी।