





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय स्थित बेबी हैप्पी मॉडर्न पी.जी. कॉलेज में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर वीर शहीदों को नमन करते हुए एक भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर ‘हरियाळो राजस्थान’ अभियान के अंतर्गत पौधरोपण कार्यक्रम हुआ। कॉलेज के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं प्रबंध समिति के सदस्यों ने मिलकर देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत गतिविधियों में भाग लिया।
कॉलेज के निदेशक तरुण विजय ने कहा-‘कारगिल विजय दिवस केवल एक सैन्य जीत नहीं, बल्कि समर्पण, बलिदान और अद्भुत राष्ट्रप्रेम का जीवंत उदाहरण है। हमारे शहीदों ने जो त्याग किया, वह शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। आज पौधरापेण कर हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसे सैनिक राष्ट्र के प्रति निभाते हैं। हमें युवाओं में ऐसी ही जागरूकता और उत्तरदायित्व की भावना विकसित करनी है।’
कॉलेज के अध्यक्ष आशीष विजय ने कहा-‘यह दिन हमें याद दिलाता है कि राष्ट्र सबसे पहले है। कारगिल के वीरों ने अपना वर्तमान हमारे सुरक्षित भविष्य के लिए न्योछावर किया। हमें उनके बलिदान को जीवन की प्रेरणा बनाकर ईमानदारी से राष्ट्र निर्माण में लगना चाहिए। श्हरियालो राजस्थानश् अभियान के तहत पौधरापेण भी इसी भावना का प्रतीक है।’
प्रशासक परमानंद सैनी ने कहा-‘युवाओं को शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेकर समाज में सकारात्मक योगदान देना चाहिए।’ महाविद्यालय प्रिंसिपल डॉ. विशाल पारीक ने पौधरापेण को ‘भविष्य के लिए सच्चा निवेश’ बताया। महाविद्यालय उपप्राचार्य डॉ. मनोज शर्मा ने कहा, ‘कारगिल दिवस हमें न केवल सेना के शौर्य की याद दिलाता है, बल्कि नागरिकों के कर्तव्य बोध का अवसर भी है।’
बीएड कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संतोष चौधरी ने कहा, ‘शहीदों की स्मृति में पौधारोपण करना केवल एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवित प्रेरणा है कि देश सेवा केवल सीमा पर ही नहीं, समाज और पर्यावरण की रक्षा में भी होती है।’ कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के बीच भाषण, पोस्टर निर्माण व देशभक्ति गीतों की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। छात्रों ने वीर शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए अत्यंत उत्साह के साथ भाग लिया। विजेता प्रतिभागियों को कार्यक्रम के अंत में सम्मानित किया गया।
इस मौके पर डॉ राजकुमार महला, राजकुमार अरोड़ा, कपिल सेन ,कपिल मोगा, रितेश गर्ग, भागीरथ भाटी ,डॉ सुनील महला सहित अन्य महाविद्यालय व्याख्याता मौजूद थे।






