



भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश महामंत्री कैलाश मेघवाल का हनुमानगढ़ जिले में ऐसा आतिशी स्वागत हुआ जिसे स्थानीय कार्यकर्ता ही नहीं, वरिष्ठ नेता भी उनके राजनीतिक सफर का यादगार मोड़ मान रहे हैं। जयपुर से हनुमानगढ़ तक मेघवाल के काफिले का जो उत्साह के साथ स्वागत हुआ, उसने यह साफ कर दिया कि संगठन में उनकी पकड़ मजबूत है और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता बेहद गहरी है। पल्लू से लेकर जिला मुख्यालय तक जगह-जगह हुए अभिनंदन, फूलमालाएं और स्वागत द्वार इस यात्रा को असाधारण बनाते रहे।

भाजपा जिला कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कैलाश मेघवाल का भाषण उनके लंबे संगठनात्मक अनुभव और व्यवहारिक नेतृत्व क्षमता का जीवंत उदाहरण बन गया। कभी वे कुशल रणनीतिकार की तरह बोलते दिखाई दिए, कभी शिक्षक की भूमिका में कार्यकर्ताओं को दिशा देते, तो अगले ही पल साधारण कार्यकर्ता की तरह विनम्रता से अनुभव साझा करते दिखे। पूरे हॉल में उनकी बातों पर कार्यकर्ताओं की तालियां और ठहाके लगातार गूंजते रहे।

अपने स्वागत में मिली हजारों मालाओं का जिक्र करते हुए मेघवाल ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में गंभीर संदेश भी दे दिया। उन्होंने कहा कि सुबह से अब तक ‘हजारों मालाएं पहनाई गईं, कुछ कार्यकर्ता तो चार-पांच बार माला पहनाने आ गए।’ इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मात्र सम्मान नहीं, बल्कि उम्मीदों का प्रतीक है। उनका कहना था कि कार्यकर्ता जब माला पहनाता है तो उसके मन में संगठन और सरकार से कुछ अपेक्षाएं भी जुड़ जाती हैं। यदि काम नहीं होते, तो वही कार्यकर्ता मन ही मन सोचता है कि ‘पांच माला पहनाईं, एक काम भी नहीं हुआ।’ इस पर सभा में जोरदार हंसी गूंजी, पर संदेश सभी ने गंभीरता से समझ भी लिया।

मेघवाल ने आगे कहा कि माला पहनाने का दूसरा अर्थ जिम्मेदारी का एहसास भी है। ‘जब कोई माला पहनाता है, तो पहनने वाला व्यक्ति अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करने का भाव अपने भीतर महसूस करता है।’ उनके इस संदेश ने कार्यकर्ताओं और नेताओं दोनों को संगठनात्मक संवेदनशीलता की ओर ध्यान दिलाया।

सभा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संघर्षों और वह किस तरह सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर लोकप्रिय वैश्विक नेता बनेकृइस प्रेरक यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि पार्टी के प्रति समर्पण ही किसी भी कार्यकर्ता की सबसे बड़ी पहचान है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी में पद का कोई महत्व नहीं। भाजपा वह पार्टी है जहां परिवारवाद नहीं, परिवार-भाव है।’ इस बात को स्पष्ट करने के लिए उन्होंने बिहार चुनाव का उदाहरण दिया, जहां ड्यूटी मिलने पर उन्हें लगा कि वहां कौन जानता होगा, लेकिन जब वे भाजपा का पटका लगाकर पहुंचे तो हर कार्यकर्ता उन्हें परिवार का सदस्य समझकर गले लगाता दिखा।

अपने संबोधन के अंतिम हिस्से में कैलाश मेघवाल ने आगामी निकाय और पंचायतीराज चुनावों की आहट का संकेत देते हुए कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आपसी मतभेद भुलाकर एकजुटता के साथ मैदान में उतरें। उन्होंने कहा कि पार्टी सर्वाेपरि है और संगठन की मजबूती से ही क्षेत्र का विकास संभव है। उनका स्पष्ट संदेश था कि यदि भाजपा के बोर्ड, चेयरमैन और प्रधान बनते हैं तो ज्यादा बजट और योजनाओं का लाभ क्षेत्र तक पहुंचाया जा सकेगा।

पत्रकार वार्ता में उन्होंने आगामी दो से तीन माह में चुनाव होने की संभावना जताई, जिससे राजनीतिक वातावरण में नई हलचल पैदा हो गई है। उनके इस बयान ने कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में ला दिया है और पार्टी संगठन में तुरंत सक्रियता बढ़ती दिखाई दे रही है। पत्रकार वार्ता में राज्य प्रकोष्ठ प्रभारी विजेंद्र पूनिया, जिलाध्यक्ष प्रमोद डेलू, भाजपा नेता अमित चौधरी आदि मौजूद थे।

कुल मिलाकर, कैलाश मेघवाल का यह दौरा न केवल स्वागत की दृष्टि से ऐतिहासिक साबित हुआ, बल्कि संगठनात्मक ऊर्जा, राजनीतिक संदेश और आगामी चुनावों की रणनीतिक दिशा तय करने वाला भी बन गया। हनुमानगढ़ ने प्रदेश महामंत्री को जिस गर्मजोशी से सम्मान दिया, उसने इस दौरे को प्रदेश भाजपा की गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में दर्ज करा दिया है।







