





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
हनुमानगढ़ स्थित श्री खुशालदास विश्वविद्यालय (एसकेडीयू) में ‘नवाचार और बौद्धिक संपदा के संदर्भ में साइबर सुरक्षा और कानून’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद एवं केंद्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल, साइबर सेल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आशीष सियाग, प्रोग्रामर रिंकल गर्ग, पेटेंट एवं कंट्रोलर ऑफिसर नई दिल्ली मनदीप गोयल, मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश यादव, विश्वविद्यालय के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश जुनेजा, रिटायर्ड आईजी गिरीश चावला, रजिस्ट्रार डॉ. श्यामवीर सिंह, कन्वीनर डॉ. विक्रम मेहरा तथा आयोजन सचिव डॉ. कुलवंत सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया।

श्री गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि डिजिटल युग में नवाचार और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा बेहद जरूरी हो गई है। बढ़ते साइबर अपराध व्यक्तिगत और व्यावसायिक डेटा की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती हैं। यह सम्मेलन शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत को साझा मंच उपलब्ध कराता है।

रिटायर्ड आईजी गिरीश चावला ने कहा कि वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय नवाचार सूचकांक में भारत 91वें स्थान पर था, जो आज 38वें पायदान तक पहुँच चुका है। स्टार्टअप्स में भारत विश्व में तीसरे स्थान पर है और डिजिटल पेमेंट में नंबर वन। साइबर सेल की प्रोग्रामर रिंकल गर्ग ने कहा, ‘कोरोना के बाद हम तेजी से डिजिटल हुए हैं और इसके साथ ही आपराधिक गतिविधियाँ भी बढ़ी हैं। सोशल मीडिया पर फोटो-वीडियो सोच-समझकर अपलोड करें। इंस्टेंट लोन, बोनस और रिवॉर्ड के लालच में फंसना जीवनभर की कमाई गंवाने जैसा है।’

डॉ. दिनेश यादव ने कहा कि जीवन में कुछ भी मुफ्त नहीं होता। भगवान ने सबको समान दिमाग दिया है, फर्क केवल उपयोग करने के तरीके में है। इनोवेशन का मतलब हैकृनए दृष्टिकोण से काम करना। हम इन्वेंशन न सही, पर इनोवेशन जरूर कर सकते हैं।

कन्वीनर डॉ. विक्रम मेहरा ने कहा कि यह सम्मेलन विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को वैश्विक दृष्टि से साइबर सुरक्षा और बौद्धिक संपदा संरक्षण समझने का अवसर देगा। आयोजन सचिव डॉ. कुलवंत सिंह ने कहा कि तकनीकी विकास के साथ-साथ साइबर अपराध और डेटा सुरक्षा जैसी चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं। यह आयोजन प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। मंच संचालन सिमरन बलाना और मनमीत कौर ने किया।

कार्यक्रम में विक्रम मंगवाना, सुमित गर्ग, अमनदीप कौर, सर्वजीत कौर, कोमल सहारण, सूरज सिंह, राजविन्द्र सिंह, सुरेन्द्र कुमार, संजीव कुमार सहित कंप्यूटर साइंस, विधि एवं फॉरेंसिक साइंस विभाग के विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का समापन 27 सितम्बर को होगा।



