








भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
जब पूरे देश में पत्रकारिता को ‘गोदी मीडिया’ का पर्याय माना जाने लगा हो, ठीक उसी समय सूर्यनगरी जोधपुर से पत्रकारिता के उज्ज्वल भविष्य की किरणें फूट पड़ीं। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के राष्ट्रीय अधिवेशन ने यह संदेश दिया कि सच्ची पत्रकारिता न कभी झुकी है, न झुकेगी। दो दिवसीय इस ऐतिहासिक सम्मेलन में देशभर से आए 600 से अधिक पत्रकारों ने जिस साहस, समर्पण और आत्मगौरव का परिचय दिया, उसने भारतीय पत्रकारिता को नई ऊर्जा प्रदान की।

इस अधिवेशन में प्रदेशाध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ की दूरदृष्टि और नेतृत्व क्षमता की मुक्तमंठ से सराहना हुई। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि जब पत्रकारिता तमाम चुनौतियों और विपरीत परिस्थितियों से जूझ रही है, तब आईएफडब्ल्यूजे न केवल पत्रकारों को संगठित कर रही है बल्कि उनके अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष की सशक्त मिसाल पेश कर रही है। आज जब पत्रकार संगठन खुद अस्तित्व के संकट से गुजर रहे हैं, उस समय आईएफडब्ल्यूजे साहस और उम्मीद का प्रतीक बनकर पत्रकारिता में नई ऊर्जा का संचार कर रही है।

बतौर मुख्य अतिथि राज्य के कैबिनेट मंत्री के. के. बिश्नोई ने पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि समाज को दिशा देने में पत्रकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सरकार व समाज दोनों की जिम्मेदारी है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी, जोधपुर महापौर वनिता सेठ, भाजपा शहर अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल, पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश पासवान, जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल, जिला परिषद के सीईओ आशीष मिश्रा, साध्वी प्रीति प्रियवंदा, पूर्व विधायक मनीषा पंवार, मारवाड़ राजपूत सभा अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा, वरिष्ठ पत्रकार आयशा खानम और अमित भट्ट सहित प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भागीदारी निभाई। इस अवसर पर आईएफडब्ल्यू के राष्ट्रीय महासचिव विपिन धूलिया, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोहन कुमार, रजत मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव विश्वदेव राव के साथ संगठन से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

आईएफडब्ल्यूजे महासचिव अश्विनी व्यास ने बताया कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में आयोजित इस अधिवेशन में संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए संतोष कुमार चतुर्वेदी को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है।

इस अवसर पर आईएफडब्ल्यूजे की जोधपुर इकाई का शपथ ग्रहण समारोह हुआ, जिसमें जिलाध्यक्ष प्रदीप जोशी के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी ने पदभार संभाला। शपथ दिलाने का कार्य महंत प्रताप पुरी ने किया। जोधपुर इकाई की ओर से पत्रकार हित में तैयार संकल्प पत्र का विधिवत लोकार्पण किया गया। इसमें कई कल्याणकारी प्रावधान शामिल किए गए हैं,
-दुर्घटना, बीमारी या अन्य अनहोनी की स्थिति में ₹25,000 की त्वरित सहायता।
-पत्रकार साथी के निधन पर परिजनों को ₹50,000 की सहयोग राशि।
-पत्रकार की पुत्री के विवाह पर ₹1,00,000 की राशि आशीर्वाद स्वरूप।
-विवाह यदि जोधपुर में होता है तो समारोह स्थल (मैरिज गार्डन/पैलेस) 75 फीसद छूट के साथ उपलब्ध।
-सभी पत्रकारों का पूर्ण रूप से वित्तपोषित दुर्घटना बीमा, जिसकी राशि संगठन स्वयं वहन करेगा।

अधिवेशन में पत्रकारों की सुरक्षा, वेतनमान, प्रेस की स्वतंत्रता, डिजिटल युग में पत्रकारिता की चुनौतियों और फील्ड रिपोर्टर्स की समस्याओं पर गंभीर मंथन हुआ। देशभर से आए पत्रकारों ने एकमत होकर संकल्प लिया कि वे मीडिया कर्मियों की आवाज को और अधिक बुलंद करेंगे और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मजबूत करेंगे।

इस आयोजन की सफलता में आयोजन समिति का योगदान उल्लेखनीय रहा। समिति में शामिल विक्रम सिंह करनोत, प्रवीण बोथरा, अश्वनी व्यास, डॉ. रंजन दवे, मनोज जैन, डॉ. लक्ष्मण मोतीवाल, योगेश दवे, अफरोज पठान, शेखर व्यास, समीर खान, भूपेंद्र बिश्नोई, महेश शर्मा, ईश्वर सिंह, सुमेर सिंह चूंडावत, डॉ. पाबूराम, भवानी सिंह भाटी, रमेश सारस्वत, शिव सिंह सिसोदिया, राजेश पुरोहित, सूर्याश मूथा, प्रदीप दवे, दीपक पुरोहित, लक्षित दवे, पवन जोशी, नरेंद्र ओझा, हर्षित जोशी, पवन प्रजापत, संवितेश्वर पुरोहित, जितेंद्र डूडी, पुनीत माथुर, मुकेश श्रीमाली, श्रेयांश भंसाली, मनोज शर्मा, राजेश मेहता, राजेश जैन, राजकुमारी और अनीता चौधरी का सक्रिय सहयोग रहा।

कार्यक्रम का समापन जोश और उत्साह के बीच हुआ, जब पत्रकारों ने एकस्वर में लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाने और मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा करने का संकल्प लिया। प्रदेशाध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि दो दिवसीय अधिवेशन में पत्र, पत्रकार और पत्रकारिता की चुनौतियों पर मंथन किया गया और उनके समाधान के लिए प्रस्ताव पारित किए गए। आईएफडब्ल्यूजे की ओर से पत्रकारिता के हितों के संरक्षण को लेकर सतत संघर्ष जारी रखा जाएगा।


