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राज्य के उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने कहा है कि राजस्थान नए एमओयू के साथ कानूनी और मनोवैज्ञानिक बाधाओं को तोडक़र व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। शर्मा अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए दीर्घकालिक साझेदारी के लिए और अगले दशक में आधा ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के साथ राज्य में निवेश के साथ कट्स इंटरनेशनल और राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद (आरईपीसी) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर कट्स इंटरनेशनल के महासचिव प्रदीप एस. मेहता ने कहा कि इस सहयोग का उद्देश्य राजस्थान में औद्योगिक विकास और लक्षित निवेश को बढ़ावा देना, व्यापार संवर्धन के माध्यम से आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह एक सिद्ध सिद्धांत है कि देश तब बढ़ते हैं जब अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उनका प्रदर्शन भी बढ़ रहा होता है। राजस्थान राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में पहले से भी अधिक योगदान देगा। उन्होंने कहा कि इस सयुक्त रूपरेखा का उद्देश्य राजस्थान की स्थिति को भारत में अग्रणी वैश्विक निवेश स्थलों में से एक में बदलना, रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा करना और रणनीतिक सलाहकार सेवाओं और क्षमता निर्माण के माध्यम से राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि यह एमओयू जयपुर स्थित 40 साल पुराने वैश्विक सार्वजनिक नीति, अनुसंधान और पैरवी समूह कट्स को राजस्थान के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश के एक महत्वपूर्ण सुविधा प्रदाता के रूप में स्थापित करता है। साथ ही यह विदेशी देशों के साथ व्यापार समझौतों और राज्य में इसकी प्रयोज्यता का विश्लेषण करके, साझेदारी संगठन रणनीतिक रूप से निवेश को आकर्षित करेगा। यह निवेश बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक नियामक सुधारों की भी पहचान करेगा और उन पर काम करेगा। इस साझेदारी का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और स्थानीय तथा अंतर्राष्ट्रीय दोनों निवेशकों के लिए अधिक अनुकूल व्यावसायिक वातावरण बनाना है। इसके अतिरिक्त, यह एमओयू राजस्थान के रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने के लिए अनुसंधान, वकालत, क्षमता निर्माण और नेटवर्किंग के अवसरों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। ये प्रयास राज्य को अधिक आत्मनिर्भर बनाने, जोखिमों को कम करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए बाधाओं को तोडऩे, अंततरू राजस्थान और भारत के आर्थिक विकास और विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।