




भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में तीन नए आपराधिक कानूनों पर आधारित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का अनावरण किया। यह प्रदर्शनी देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में ‘दंड’ केंद्रित दृष्टिकोण से हटकर ‘न्याय और पारदर्शिता’ केंद्रित सोच के परिवर्तन को रेखांकित करती है। इस आयोजन का उद्देश्य 1 जुलाई 2024 से लागू हुई भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के एक वर्ष पूर्ण होने का स्मरणोत्सव मनाना है।

गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा प्रस्तुत डेमोस्ट्रेशन को देखा। पुलिसकर्मियों ने विस्तार से बताया कि किस प्रकार ये नए कानून अपराध स्थल से लेकर पुलिस स्टेशन और अदालत तक की कार्रवाई में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। उन्होंने यह दर्शाया कि नई व्यवस्था में जांच का समय काफी कम हो गया है और यह दृष्टिकोण अब अधिक पीड़ित-केंद्रित हो गया है।

जयपुर प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र (सीतापुरा) में 13 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक चलने वाली इस छह दिवसीय प्रदर्शनी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह किया कि इसका समय बढ़ाया जाए। उन्होंने दीपावली के अगले दिन तक प्रदर्शनी को जारी रखने की अपील की ताकि आम जनता इन महत्वपूर्ण कानूनी बदलावों को करीब से समझ सके। शाह ने कहा कि यह प्रदर्शनी कानूनी सुधारों को अत्यंत सटीक तरीके से दर्शा रही है।

गृह मंत्री ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2027 के बाद से देश में दर्ज होने वाली किसी भी एफआईआर के मामले में, नए कानूनों के तहत तीन साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक त्वरित न्याय सुनिश्चित करने की व्यवस्था स्थापित हो जाएगी। यह नए कानूनों की व्यवस्था की गति और प्रभावशीलता पर उनके विश्वास को दर्शाता है।
